Rajasthan Elections: राजस्थान में कांग्रेस (Congress) सरकार के लगभग साढ़े चार वर्ष हो गए हैं. अब चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस पार्टी को कार्यकर्ताओं की याद आने लगी है और कांग्रेस नेता प्रत्येक जिले में जाकर कार्यकर्ताओं को मनाने का काम कर रहे हैं. राजस्थान (Rajasthan) में जब से कांग्रेस की सरकार बनी है तभी से कार्यकर्ताओं की शिकायत थी की कोई भी विधायक और मंत्री उनकी बात नहीं सुनते और उन्हें चुनाव के वक्त ही याद किया जाता है. इसी क्रम में एआईसीसी सचिव और राजस्थान सह-प्रभारी अमृता धवन (Amrita Dhawan) भरतपुर (Bharatpur) पहुंचीं और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से फीडबैक लिया.
राजस्थान की कांग्रेस सरकार में काफी समय से गुटबाजी चल रही है जिसके चलते पार्टी के कार्यकर्ता हमेशा नाराज रहे हैं और उनकी उपेक्षा की जाती रही है. विधानसभा चुनाव आने वाले हैं इसलिए अपने रूठे कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए और यह संदेश देने के लिए कि कांग्रेस में जो गुटबाजी चल रही थी वह खत्म हो गई है और सभी नेता मिलकर पार्टी को जो चुनाव जिताएंगे, इसके लिए राजस्थान कांग्रेस सह-प्रभारी अमृता धवन भरतपुर पहुंचीं. उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बैठक ली.
सभी नेता एकजुट हैं- अमृता धवन
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी अमृता धवन ने कहा कि हम लोग प्रदेश के सभी जिलों में जा रहे हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बात कर रहे हैं. पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से बातचीत की जा रही है कि किस तरह से संगठन को मजबूत किया जा सकता है . जहां तक सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच की लड़ाई की बात है तो दिल्ली में केसी वेणुगोपाल के नेतृत्व में स्पष्ट कर दिया गया है कि सभी नेता एक साथ हैं और मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सचिन पायलट और अशोक गहलोत एक है और कोई मतभेद नहीं है. सभी का एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनानी है.