Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. एक ओर जहां भारतीय जनता पार्टी में बैठकों का दौर शुरू हो गया है. वहीं कांग्रेस भी अंदरूनी गुटबाजी को दूर करने की कोशिश में लग गई है. उधर आम आदमी पार्टी  भी जनता के बीच पैठ बनाने में लगी हुई है.


इन सबके बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (AIMIM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी भी राजस्थान के दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे हैं. वह जयपुर और सीकर में दौरे पर रहेंगे. इसके अलावा वह शेखावटी इलाके में लक्ष्‍मणगढ़, फतेहपुर, खीरवा, खींवसर, नवलगढ़, बलारा, जाजोद, सुजानगढ़ तथा लाडनूं में लोगों से मुलाकात करेंगे.


कांग्रेस को होगा नुकसान?
माना जा रहा है कि ओवैसी के राजस्थान की चुनावी फिजा में एंट्री करने से कांग्रेस को नुकसान हो सकता है. बीते कुछ सालों में औवैसी की पार्टी बिहार, पश्चिम बंगाल और यूपी के चुनाव लड़ चुकी है. कुछ सीटों पर जहां उसे जीत मिली तो वहीं कुछ जगहों पर वह कांटे के टक्कर में अहम प्रत्याशियों के हारने की वजह भी रही. 


समझा जाता है कि राजस्थान में कांग्रेस को मुस्लिमों का साथ हमेशा मिलता रहा है हालांकि ओवैसी की एंट्री से कांग्रेस की चिंता बढ़ गई है. अभी तक राज्य में मुस्लिमों का नेतृत्व करने वाली कोई पार्टी नहीं थी, अगर AIMIM अपना विस्तार करने में सफल होती है तो यह कांग्रेस के लिए चिंता वाली बात होगी.


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40 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है AIMIM
एक ओर जहां सीएम अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच कथित गुटबाजी की खबरें हैं. बीते दिनों यह गुटबाजी उस वक्त सतह पर आती दिखी जब राज्य सरकार में मंत्री खेल मंत्री अशोक चांदना पर एक कार्यक्रम में जूते उछाल दिए गए. आरोप है कि पायलट के कथित समर्थकों ने चांदना पर जूता फेंका. ऐसे में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अगर AIMIM एक्टिव हुई तो कांग्रेस के कई मुस्लिम नेता पार्टी का साथ छोड़ सकते हैं. 


सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार AIMIM उन 40 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है या वो हार जीत में निर्णायक हैं.


ओवैसी की पार्टी उन सीटों पर चुनावी तैयारी कर रही है, जहां मुसलमान के मतदान 30-40% हैं. फिलहाल राजस्थान में 8 विधायक मुस्लिम हैं जो कांग्रेस के टिकट पर जीते हैं. राज्य की 200 विधानसभा सीटों पर साल 2018 में हुए चुनाव में 108 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी जो कि बहुमत से सिर्फ 8 सीट ही ज्यादा है. ऐसे में ओवैसी की एंट्री से बीजेपी के मुकाबले, कांग्रेस का खेल ज्यादा बिगड़ सकता है.


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