Rajasthan Elections 2023: चुनाव से पहले रिलीज हो रही फिल्म 'अजमेर-92', कांग्रेस का इस तरह बिगाड़ सकती है गणित
Rajasthan Assembly Elections: राजस्थान के अजमेर शहर में 1992 में कई लड़कियों को ट्रैप कर उनका यौन शोषण किया गया था. इस कांड में अजमेर शहर के प्रभावशाली घरों के युवा शामिल थे.
Ajmer 92 Release: 'कश्मीर फाइल्स' (Kashmir Files) और 'द केरला स्टोरी' (The Kerala Story) की बॉक्स ऑफिस (Box Office) पर सफलता के बाद 1992 में अजमेर में हुए सेक्स स्कैंडल पर बनी फिल्म 'अजमेर 92' (Ajmer 92) के रिलीज होने की घोषणा हो चुकी है. अभिषेक दुधैया (Abhishek Dudhaiya) के निर्देशन में बनी यह फिल्म 14 जुलाई से सिनेमाघरों में रिलीज होगी. फिल्म का पहला पोस्टर जारी होने के साथ तीन दशक पुराना सेक्स स्कैंडल फिर से चर्चा में है.
राजस्थान में दिसंबर-2023 में विधानसभा चुनाव है और फिर लोकसभा चुनाव संभावित है. ऐसे में चुनावों से पहले फिल्म के रिलीज होने निश्चित ही विवाद खड़ा होगा. जिसका असर चुनावों में भी दिखेगा क्योंकि कुछ आरोपी यूथ कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी थे इसलिए बीजेपी इसका राजनीतिक फायदा लेने की कोशिश करेगी.
क्या है अजमेर सेक्स स्कैंडल?
साल 1992 के अप्रैल-मई महीने में जो कृत्य पवित्र नगरी अजमेर में हुआ उसने न सिर्फ अजमेर को शर्मशार किया बल्कि समूचे देश को स्तब्ध कर दिया. अजमेर के चिश्ती घराने से ताल्लुक रखने वाले फारुक चिश्ती, नफीस चिश्ती और अनवर चिश्ती जो कि उस वक्त यूथ कांग्रेस से जुड़े पदाधिकारी थे. उन्होंने अजमेर के पूंजीपति के बेटे का यौन शोषण किया और उसकी नग्न तस्वीरें उतारीं फिर उसे धमकाकर उसकी गर्लफ्रेंड को भी इस ट्रैप में फंसाया जो कि अजमेर के एक नामी स्कूल में पढ़ती थी.
उस नामी स्कूल की लड़की को डरा-धमकाकर उसकी सहेलियों को भी इसमें शामिल करना शुरू किया और लगातार यौन शोषण किया. इसी कड़ी में फारुक चिश्ती और उसके 8-10 दोस्तों ने मिलकर उस स्कूल की 100 से अधिक लड़कियों का गैंगरेप किया और उनकी अश्लील तस्वीरें भी लीं. इन लड़कियों को लगातार ब्लैकमेल किया जाने लगा.
कलर लैब स्टूडियो से वायरल हुई तस्वीरें
1992 के उस दौर में इंटरनेट और मोबाइल की कनेक्टिविटी नहीं थी, उस वक्त फोटो को कलर लैब स्टूडियो से प्रिंट किया जाता था. जब इन दोषियों ने स्टूडियो से प्रिंट निकालना चाहा तो स्टूडियो में काम करने वाले एक कार्मिक ने तस्वीरों की कॉपी अपने पास रख ली. फिर उस कर्मचारी ने लड़कियों को फोटो के जरिए ब्लैकमेल करना शुरू किया. धीरे-धीरे यह तस्वीरें शहर में सब जगह फैल गई. इन कार्यों को अंजाम देने वाले दोषी ताकतवर खानदान से थे इसलिए पुलिस ने भी शुरुआती तौर पर कोई कार्रवाई नहीं की. इन वायरल तस्वीरों के कारण जब 5-6 लड़कियों ने आत्महत्या की तो यह खबर एक स्थानीय अखबार में छपी जिससे हड़कंप मच गया और आखिर में पुलिस को मामला दर्ज कर जांच शुरू करनी पड़ी.
31 वर्ष बाद भी पीड़िताओं को नहीं मिला न्याय
अजमेर सेक्स स्कैंडल पिछले 31 वर्षों से अजमेर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और पोक्सो कोर्ट में चला कभी दोषियों को सजा हुई तो कभी न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में निर्णय बदल दिए. अब कुछ दोषी सजा काटकर बाहर आ चुके हैं तो कुछ जमानत पर बाहर हैं. एक आरोपी ने खुद को मानसिक दिवालिया घोषित कर दिया जिससे वह भी बाहर आ गया है. कुछ पीड़िताएं अभी भी न्याय के लिए कोर्ट के चक्कर निकाल रही है.
निर्देशक अभिषेक दुधैया बना रहे हैं फिल्म
अजमेर में 100 से अधिक लड़कियों पर हुई ज्यादती की घटना पर 'अजमेर 92' फिल्म 14 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इस फिल्म में अभिषेक दुधैया निर्देशक के तौर पर काम कर रहे हैं. इस फिल्म में करण वर्मा, सुमित सिंह, सायजी शिंदे और मनोज जोशी नजर आएंगे. जयपुर निवासी डॉ. जितेंद्र शर्मा ने इस फिल्म की कहानी पर रिसर्च किया है. एबीपी न्यूज से बातचीत में डॉ. जितेंद्र शर्मा बताते हैं कि अजमेर ब्लैकमेल कांड पर पिछले 3 वर्षों से काम कर रहा हूं, मैं कई पीड़िताओं से मिला हूं, मैनें कोर्ट में पेश किए गए सारे तथ्यों को पढ़ा है मुझे लगता है दोषियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. पीड़िताओं को न्याय की कोई उम्मीद नहीं बची है. जब यह फिल्म परदे पर आएगी तो इस घटना से पूरी दुनियां वाकिफ होगी.
ये भी पढ़ें-