Rajasthan News: राजस्थान के ब्यावर शहर में मंगलवार रात अचानक दुर्गंध फैल गई. पूरे शहर में इस दुर्गंध की लहर थी. घर में फैली गंध का लोग पता लगाने लगे मगर कहीं कुछ नहीं मिला. घर के बाहर निकले तो पता लगा कि यह गंध सभी के घरों में आ रही है. लोगों ने मोबाइल फोन के जरिए कॉल और मैसेज किए तो जानकारी हुई कि शहर के विभिन्न इलाकों में लोग इस बदबू से परेशान हैं. रात 10 बजे तक इस दुर्गंध की खबर पूरे शहर में चर्चा का विषय बन गई. अचानक हुई इस घटना से लोगों को भोपाल गैस त्रासदी याद आ गई. गंध के रहस्य से लोगों में दहशत फैल गई. रात एक बजे तक लोग इस दुर्गंध की चर्चा करते रहे मगर किसी को कुछ पता नहीं लगा. प्रशासन भी इस घटना की जांच में जुटा है.
ऐसे बढ़ा कयासों का कारवां
पूरे शहर में फैली दुर्गंध को लेकर लोग देर रात तक कयास लगाते रहे. किसी का कहना था कि यह क्लोरीन गैस हो सकती है जो औद्योगिक कार्य में उपयोग आती है. किसी ने कयास लगाया कि क्षेत्र से गैस का कोई टैंकर निकला होगा, जिसमें लीकेज के कारण यह गंध पूरे शहर में फैल गई. किसी का मानना था कि सीवरेज सिस्टम में तकनीकी खराबी के कारण हर घर में बदबू फैली क्योंकि सीवरेज के पाईप हर घर से जुड़े हैं.
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इसे लेकर भी होती रही चर्चा
मंगलवार दोपहर को नगर परिषद और सीमेंट कंपनी के बीच सीवरेज के पानी की खरीद का एमओयू हुआ था. इसके कुछ घंटे बाद ही रात में अचानक दुर्गंध फैल गई. इसे लेकर भी लोग कई तरह की चर्चा करते रहे.
बिजली भी रही गुल
रात में जिस वक्त शहर में दुर्गंध फैल रही थी उस दौरान शहर के कई इलाकों की बिजली भी अचानक गुल हो गई. बिजली बंद होने से लोगों की बैचेनी ज्यादा बढ़ गई. बिजली कटौती को भी लोग रहस्यमय गंध फैलने की घटना से संबंध बताते हुए चर्चा करते रहे थे.
जांच में जुटा प्रशासन
इस मामले में उपखंड अधिकारी राहुल जैन ने कहा कि कल रात जानकारी मिलने के बाद शहर के कई इलाकों में गया तो वहां गंध तो थी मगर उसका कुछ पता नहीं लगा. अजमेर रोड इलाके में गंध तेज थी. गंध सीवरेज की नहीं थी. संभवत: किसी केमिकल की थी. पुलिस और अन्य विभागों को जांच करने के लिए कहा है. रिको एरिया में भी पता करवा रहे हैं कि कहीं किसी फैक्ट्री में कुछ हुआ हो. फिलहाल किसी घटना, जनहानि या साइड इफेक्ट की कोई सूचना नहीं मिली है.
भोपाल में हुई थी त्रासदी
3 दिसंबर 1984 को भोपाल गैस कांड या भोपाल गैस त्रासदी हुई थी. वहां यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव होने से लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान गई थी. सैकड़ों लोग शारीरिक अपंगता और अंधेपन के शिकार हुए थे.