Ajmer News: राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के सबूत मिलने पर पीएफआई संगठन को केंद्र सरकार की ओर से बैन किए जाने के बाद लगातार धर्मगुरुओं के बयान भी सामने आ रहे हैं. विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए इसे सही ठहराया है. साथ ही युवाओं से अपील भी की है कि वह राष्ट्र विरोधी संगठन और नेताओं की बहकावे में ना आएं और अल्लाह ने जो रास्ता बताया है उसी राह पर चलें.
'पहले ही लगा देने चाहिए था बैन'
अजमेर दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन ने कहा कि पीएफआई संगठन लगातार राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा है. इसे लेकर पहले भी बैन करने की मांग उठाई गई थी, लेकिन अब देर आए दुरुस्त आए. उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले को तारीफे काबिल बताया है. उन्होंने कहा कि यह बैन हालांकि पांच साल पहले ही लगा देना चाहिए था लेकिन इस संगठन की जांच और पड़ताल करने के साथ ही केंद्र सरकार ने पूरी सतर्कता बरतने के बाद इस पर रोक लगाई गई है.
नारों का भी किया था विरोध
ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह के दीवान जैनुल आबेदीन ने दरगाह के बाहर लगाए गए सर तन से जुदा नारों को लेकर भी अपना विरोध जताया था और इस पर कार्रवाई की मांग की गई थी. वहीं अब एक बार फिर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल पीएफआई पर बैन लगाने पर भी उन्होंने अपना बयान जारी किया है. दरगाह दीवान ने खुलकर इस तरह की गतिविधियों का विरोध किया है.
'पैंगबर की राह पर चलें युवा'
वहीं इस मौके पर उन्होंने मुस्लिम समाज के युवाओं को आह्वान भी किया है कि वह राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को संचालित करने वाले संगठन से दूर रहें और पैगंबर हजरत मोहम्मद और ख्वाजा गरीब नवाज के साथ ही कुरान को अपना आइकन माने और उनके ही नक्शे कदम पर चलें, जिससे की अमन-चैन और शांति देश दुनिया में कायम हो सके. अजमेर दरगाह दीवान का यह बयान देश के दुनिया के लिए महत्वपूर्ण है ख्वाजा गरीब नवाज को मानने वाले देश और दुनिया में मौजूद हैं और अमन-चैन भाईचारे का पैगाम यहां से दिया जाता है. ऐसे में पीएफआई के खिलाफ दिए गए इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
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