Ajmer Leopard News: अजमेर के मसूदा में तेंदुए ने पांच बछड़ों पर हमला करके उतारा मौत के घाट, वन विभाग को नहीं मिल सुराग
टाटगढ़ रैला रिजर्व वन में रहने वाले तेंदुआ लंबे समय से ब्यावर के क्षेत्रों में भोजन की तलाश में निकलते हैं और इस तरह मवेशियों को शिकार बनाते हैं. इसका कारण इन क्षेत्रों में खनन में हुई बढ़ोतरी भी है.
Ajmer Leopard News: राजस्थान के अजमेर जिले में कई जगहों पर तेंदुओं ने दशहत फैला रखी है. अब मसूदा के रेबारियों की ढाणी में तेंदुए ने एक खेत में पांच बछड़ों पर हमला करके मौत के घाट उतार दिया. घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम ने आसपास के इलाकों में तेंदुआ की तलाशी के लिए अभियान शुरू कर दिया है. साथ ही लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है. इससे पहले भी मसूदा क्षेत्र में मवेशियों पर तेंदुआ के हमले की कई खबरें आ चुकी हैं.
टाटगढ़ रैला रिजर्व वन में रहने वाले तेंदुआ लंबे समय से ब्यावर के क्षेत्रों में भोजन की तलाश में निकलते हैं और इस तरह मवेशियों को शिकार बनाते हैं. हालांकि इसका कारण आसपास के क्षेत्रों में खनन में हुई बढ़ोतरी भी है, जिसकी वजह से तेंदुआ भटकते हुए इन क्षेत्रों में पहुंच जाते हैं. बताया जा रहा है कि रेबारियों की ढाणी में शंकरलाल मौर्य का फार्म हाउस है और यहां पर सात गौवंश थे. सुबह करीब पांच बजे रामदेव दूध निकालकर ले गया. जब छह बजे वापस लौटा तो देखा कि पांच बछडे़ मरे हुए थे. जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई.
वन विभाग की टीम को नहीं मिला सुराग
वन विभाग की टीम ने तेंदुआ को आस-पास के जंगलों में तलाश भी किया लेकिन कोई सुराग नहीं मिला. दरअसल मगरा क्षेत्र तेंदुओं के लिए अब असुरक्षित जोन बनता जा रहा है. टॉडगढ़-रावली से जुड़ी ब्यावर रेंज दस हजार हैक्टेर में फैली हुई है. इस क्षेत्र में खनन सहित अन्य हस्तक्षेप के बाद तेंदुआ प्रजाति पर संकट मंडरा रहा है. इसके चलते तेंदुआ सहित अन्य वन्य जीव भटककर आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं.
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