Rajasthan: अजमेर BJP सांसद ने संसद में उठाया दवाइयों के MRP का मुद्दा, सरकार से की ये मांग
अजमेर सांसद ने दवा कंपनियों की मनमानी का मुद्दा संसद में उठाया. भागीरथ चौधरी ने कहा कि दवा विक्रेताओं को 10 से 100 गुणा तक फायदा होता है और आम जनता की जेब पर बोझ पड़ता है.
Parliament Winter Session: अजमेर से बीजेपी सांसद भागीरथ चौधरी (Bhagirath Choudhary) ने दवाइयों के एमआरपी एवं वास्तविक मूल्य में अंतर का मुद्दा उठाते हुए दवा कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. लोकसभा (Lok Sabha) के शून्यकाल में उन्होंने कहा कि देश की विभिन्न दवा कंपनियां अपने प्रोडक्ट से कई गुणा ज्यादा दाम अंकित करती हैं. इस तरह दवा विक्रेताओं को 10 से 100 गुणा तक फायदा होता है. दाम में अंतर होने से आम जनता की जेब पर आर्थिक बोझ बढ़ता है.
'देश में ऊंची कीमतों पर बिक रहीं दवाइयां'
बीजेपी सांसद चौधरी ने कहा कि देश में पूर्ण बहुमत वाली केंद्र सरकार जनता की जिंदगी सुधारने के लिए कड़े फैसले ले रही है. भविष्य में भी जनता के जीवन को सुधारने और बचाने के लिए कड़े फैसले लेने से गुरेज नहीं करेगी. देश में दवा कंपनियां ऊंची कीमतों पर दवाइयां बेच रही हैं. दवाइयों पर अंकित खुदरा मूल्य के वास्तविक और एमआरपी में अंतर की वजह से आम जनता को भारी नुकसान हो रहा है. वर्तमान में विभिन्न दवा कंपनियां अपने प्रोडक्ट से कहीं अधिक मूल्य अंकित करती है. इसका सीधा-सीधा लाभ दवा विक्रेता को ही मिलता है. आम जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिल पाता. मूल्य न चुकाने की स्थिति में कई बार व्यक्ति अपने बीमार परिजन को खो देता है. इस प्रकार से दवा कंपनियों की तरफ से सीधा लाभ दवा विक्रेताओं को मनमाने तरीके से पहुंचाया जा रहा है.
अजमेर सांसद ने उठाया लोकसभा में मुद्दा
चौधरी ने कहा कि कई जीवन रक्षक दवाओं की कीमत वास्तविक मूल्य से कई गुणा ज्यादा होती है. दाम ज्यादा होने से जीवन रक्षक दवाइयां सामान्य परिवार की पहुंच से बाहर हो जाती हैं और इसका फायदा प्राइवेट अस्पताल और दवा विक्रेता को मिलता है. उन्होंने लोकसभा में सभापति से आग्रह किया कि ऐसा कोई प्रावधान या बिल संसद में लाया जाए जिससे इन दवा कंपनियों पर अधिकतम खुदरा मूल्य अंकित करने की एक निर्धारित सीमा तय हो सके. तय सीमा से ज्यादा अंकित करने पर कड़ा प्रतिबंध हो और दंड का प्रावधान भी हो. सांसद ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इस मामले में जल्द ही राष्ट्र और आमजन के हित को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई करेगी.
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