Rajasthan: अजमेर में बनेगा सम्राट पृथ्वीराज चौहान का पैनोरमा, गहलोत सरकार ने जारी किए 4 करोड़ रुपये
Rajasthan: पैनोरमा बनाकर पृथ्वीराज चौहान के कृतित्व और व्यक्तित्व को दर्शाया जाएगा. जिससे आमजन को साहस, शौर्य, पराक्रम और उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों की जानकारी प्राप्त होगी.
Ajmer News: अजमेर (Ajmer) जिला मुख्यालय पर पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) का पैनोरमा बनाने के लिए जमीन तलाशने की प्रशासनिक स्तर पर कवायद तेज हो गई है. कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इसके लिए 4 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की थी. 14 मई को राजस्थान पर्यटन निगम चैयरमैन धर्मेंद्र राठौड़, राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह जाड़ावत ने धरोहर प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टीकम बोहरा और जिला कलेक्टर अंशदीप के साथ पृथ्वीराज नगर के सेंट्रल पार्क, झलकारी बाई स्मारक के सामने साइंस पार्क के पास जमीन आवंटित करने के लिए अवलोकन किया.
2023-24 के बजट में हुई थी घोषणा
पैनोरमा बनाकर पृथ्वीराज चौहान के कृतित्व और व्यक्तित्व को दर्शाया जाएगा. जिससे आमजन को साहस, शौर्य, पराक्रम और उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों की जानकारी प्राप्त होगी. मुख्यमंत्री अशोक अशोक गहलोत ने 2023-24 के बजट में अजमेर में पृथ्वीराज चौहान, शाहपुरा-भीलवाड़ा में केसरीसिंह बारहठ, आसींद-भीलवाड़ा में बगड़ावत सवाई भोज, जोधपुर में महर्षि नवल चौहान, जयपुर में ज्योतिबा फूले, जालोर में वीरमदेव-कान्हड देव चौहान सहित कई लोगों के पैनोरमा बनाने की घोषणा की थी.
क्या होता है पैनोरमा?
पैनोरमा में किसी महापुरुष के जीवन प्रसंगों पर आधारित म्यूजियम तैयार किया जाता है. गौरवशाली इतिहास और विरासत संरक्षित रखने के लिए राजस्थान धरोहर संरक्षण प्राधिकरण पैनोरमा बनाने का काम करता है. पर्यटन को बढ़ावा देने और महापुरुषों का आमजन से परिचय करवाने के लिए पैनोरमा बनाया जाता है. पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के समय 40 से अधिक संतों, शूरवीरों और देशभक्तों के पैनोरमा बने थे.
कौन थे पृथ्वीराज चौहान
पृथ्वीराज चौहान दिल्ली के अंतिम हिंदू राजा था. उन्हें रायपिथौरा के नाम से भी जाना जाता है. पृथ्वीराज का विवाह राजकुमारी संयोगिता से हुआ था. पृथ्वीराज चौहान ने उत्तर-पश्चिमी भारत में पारम्परिक चौहान क्षेत्र सपादलक्ष पर शासन किया. इसके अलावा उनका नियन्त्रण राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से पर भी रहा था.