अजमेर शरीफ दरगाह मामले में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी का बड़ा बयान- 'इस पर राजनीति...'
Ajmer Sharif Dargah: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा, यह विवाद अभी कोर्ट में है. सर्वे के विषय में कोर्ट फैसला करेगी. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसका सभी को पालन करना चाहिए.
Rajasthan Ajmer Sharif Dargah: अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को शिव मंदिर (Shiv Mandir) बताने वाली हिंदू सेना की याचिका को निचली अदालत द्वारा मंजूर कर लिया गया. इसके बाद से पूरी देश की सियासत में बवाल मचा हुआ है. इस बीच शिव मंदिर के दावे पर राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की प्रतिक्रिया सामने आई है.
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर का दावा करने वाले मुकदमे को लेकर एएनआई से बात करते हुए कहा, "यह विवाद अभी कोर्ट में है. सर्वे के विषय में कोर्ट फैसला करेगी. कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसका सभी को पालन करना चाहिए. मेरा सभी से अनुरोध है कि इस पर राजनीति न करें, कोर्ट को फैसला करने दें."
#WATCH अजमेर: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर का दावा करने वाले मुकदमे पर कहा, "यह विवाद अभी कोर्ट में है... सर्वे के विषय में कोर्ट तय करेगी... कोर्ट का जो भी फैसला होगा, उसका सभी को पालन करना चाहिए... मेरा सभी से अनुरोध है कि इस… pic.twitter.com/hmyaknWeXm
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2024
जवाहर सिंह बेढम ने क्या कहा?
वहीं राजस्थान के मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने इस मामले को लेकर कहा, "कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करके लोगों को बांटा है. अदालत द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा, राज्य सरकार उसका पालन करेगी."
#WATCH जयपुर: अजमेर शरीफ दरगाह के भीतर शिव मंदिर का दावा करने वाले मुकदमे पर राजस्थान के मंत्री जवाहर सिंह बेधम ने कहा, "...कांग्रेस ने हमेशा तुष्टिकरण की राजनीति करके लोगों को बांटा है...अदालत द्वारा जो भी फैसला लिया जाएगा, राज्य सरकार उसका पालन करेगी..." pic.twitter.com/NSegbT2hnx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 30, 2024
क्या है पूरा मामला?
अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के विवाद की शुरुआत अजमेर के एक सिविल कोर्ट में दायर याचिका से हुई. इसमें हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने बीते 25 सितंबर 2024 को दरगाह के अंदर एक शिव मंदिर होने का दावा किया. इसको लेकर उन्होंने "अजमेर: हिस्टॉरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव" किताब के तर्कों का भी हवाला दिया गया है.
इसमें अजमेर दरगाह के नीचे हिंदू मंदिर का जिक्र किया गया है. इसको लेकर 27 नवंबर को कोर्ट ने याचिका मंजूर कर दी. इधर सिविल जज मनमोहन चंदेल ने अजमेर दरगाह समिति, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को नोटिस जारी कर 20 दिसंबर तक जवाब मांगा है. इसके बाद से इस मुद्दे को लेकर जमकर सियासत जारी है.