Syed Sarwar Chishti On Ajmer Dargah: राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह में मंदिर के दावे के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इस मसले को लेकर अब ख़ुद्दामे ख्वाज़ा की संस्था अंजुमन सैय्यद जादगान की तरफ से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई है. जिसमें दरग़ाह में मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता की हिस्ट्रीशीट का जिक्र किया गया.


इसी तरह अंजुमन सैय्यद जादगान के सचिव सैयद सरवर चिश्ती ने इतिहासकार हरविलास शारदा की अन्य किताबों के हवाले से दरग़ाह और उससे जुड़े ख़ादिम समुदाय की जानकारी दी. इसके अलावा केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के अधीन दरग़ाह कमेटी के गठन और उसमें नाज़िम पद पर रहे हिन्दू अफसर दरग़ाह कार्यवाहक के नाम का भी ज़िक्र किया गया.


अजमेर दरगाह को लेकर सरवर चिश्ती का बड़ा दावा
 
सरवर चिश्ती ने दावा किया कि जहां हज़रत ख्वाज़ा गरीब नवाज का हुजरा था, वहीं उनका असल मज़ार है, इसके अलावा दूसरी कोई चीज नहीं है. उन्होंने ये भी बताया कि कोर्ट में वादी विष्णु गुप्ता की ओर से दरग़ाह में झरना का ज़िक्र किया गया लेकिन असल में वो पानी की बावड़ी झालरा है, जहां से शहर के हर धर्म जाति के लोग पानी भरा करते थे.


अजमेर दरगाह मुगलकाल से भी पहले की बनी हुई- चिश्ती


उन्होंने आगे कहा, ''ऐसे देश में कई पानी के झरने, बावड़ी, नहर और तालाब हैं, जहां धार्मिक स्थल हैं. यहां सूफी संतों ने रहना पसंद किया. अजमेर दरगाह मुगलकाल से भी पहले की बनी हुई है, जिस पर एक क्रिमिनल व्यक्ति विष्णु गुप्ता ने दरग़ाह में मंदिर होने का दावा कोर्ट में पेश किया. अंजुमन ने जिला पुलिस प्रशासन को विष्णु गुप्ता की हिस्ट्रीशीट भी सौंपी है. जबकि विष्णु गुप्ता की 2 बार सुप्रीम कोर्ट और 2 बार हाई कोर्ट ने अन्य याचिकाएं भी खारिज की है.''


इसके साथ ही अंजुमन सैय्यद जादगान के सेक्रेटरी सैयद सरवर चिश्ती ने 1991 एक्ट के हवाला देते हुए बाबरी मस्जिद और देश के अन्य धार्मिक स्थलों पर ग़लत दावा करने का भी आरोपी लगाया.


ये भी पढ़ें:


संभल विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अजमेर दरगाह प्रमुख ने किया स्वागत, मंदिर के दावे पर कही ये बात