Ajmer News: दवा खाने के बाद हुई बेटे की मौत तो मां ने अस्पताल की दूसरी मंजिल से लगा दी छलांग, पुलिस ने क्या बताया?
Ajmer Latest News: अपने बेटे की मौत के सदमे में अजमेर की एक महिला ने अस्पताल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी. गंभीर रूप से घायल महिला का आईसीयू में इलाज जारी है, जबकि परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है.

Rajasthan News: एक मां के लिए सबसे बड़ा दुख अपने बच्चे को खोना होता है. राजस्थान के अजमेर जिले से एक ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने आई, जहां 40 वर्षीय महिला ने अपने बेटे की मौत के सदमे में अस्पताल की दूसरी मंजिल से कूदकर आत्महत्या करने का प्रयास किया. पुलिस ने बताया कि महिला की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका इलाज जारी है.
कोतवाली क्षेत्र में हुई इस घटना में महिला रेखा लोहार को गंभीर चोटें आई हैं. उनके हाथ, पैर और सिर में गंभीर चोटें लगी हैं. उन्हें अजमेर के जवाहरलाल नेहरू अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों की एक विशेष टीम उनका इलाज कर रही है.
इसी अस्पताल में चल रहा था बेटे का इलाज- पुलिस
थाना प्रभारी दिनेश कुमार के अनुसार, रेखा लोहार के 18 वर्षीय बेटे योगेश कुमार का इसी अस्पताल में इलाज चल रहा था. गुरुवार (13 मार्च) को योगेश ने गलती से कोई दवाई खा ली थी, जिसके कारण उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. चार दिन तक चले इलाज के बावजूद रविवार (16 मार्च) को उसकी मृत्यु हो गई.
बेटे की मौत की जानकारी सुनते ही रेखा गहरे सदमे में चली गईं और खुद को संभाल न सकी. इस मानसिक आघात के चलते उन्होंने अस्पताल की दूसरी मंजिल से छलांग लगा दी. घटना के तुरंत बाद अस्पताल प्रशासन और परिजनों ने उन्हें गंभीर अवस्था में ICU में भर्ती कराया.
पुलिस कर रही है परिजनों से पूछताछ
पुलिस ने बताया कि रेखा के पति, राकेश, पेशे से एक ड्राइवर है. परिवार इस हादसे के बाद पूरी तरह टूट गया है. स्थानीय प्रशासन द्वारा परिवार को आवश्यक सहायता देने पर विचार किया जा रहा है. पुलिस मामले की जांच कर रही है और परिजनों से पूछताछ कर रही है.
इस घटना ने क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ा दी है. स्थानीय लोग भी इस दुखद घटना से व्यथित हैं और पीड़ित परिवार के प्रति संवेदनाएं जता रहे हैं. मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परिजनों और समाज को भावनात्मक समर्थन देना बेहद आवश्यक है.
यह घटना एक बार फिर दर्शाती है कि अपनों को खोने का दर्द कितना गहरा हो सकता है. जरूरत इस बात की है कि ऐसे कठिन समय में मानसिक और भावनात्मक सहयोग प्रदान किया जाए, ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं को टाला जा सके.
ये भी पढ़ें- 'कोई भी नेता पार्टी से ऊपर नहीं', राजस्थान कांग्रेस की बैठक में सुखजिंदर सिंह रंधावा की नेताओं को दो टूक
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
