Akshaya Tritiya: अक्षय तृतीया पर 50 साल बाद बन रहा ग्रहों का अद्भुत संयोग, इस मुहूर्त में करें ये महाउपाय तो खुलेंगे किस्मत के ताले
इस दिन सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. जब चार ग्रह अनुकूल स्थिति में हों तो ये अपने आप में बहुत शुभ होता है. अक्षय तृतीया पर बन रहे इस शुभ संयोग में मंगल कार्य बनते चले जाते हैं.
Akshaya Tritiya 2022: वैशाख शुक्ल की अक्षय तृतीया मंगलवार, 3 मई को मनाई जाएगी. पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया, इस बार मंगल के रोहिणी नक्षत्र में शोभन योग का संयोग 30 साल बाद बना है. इसके अलावा इस दिन 50 साल बाद ग्रहों की विशेष स्थिति भी बन रही है जिसमें दो ग्रह उच्च राशि में और दो प्रमुख ग्रह स्वराशि में विराजमान होंगे. शुभ संयोग और ग्रहों की विशेष स्थिति में दान और पुण्य का महत्व 10 गुणा बढ़ जाएगा.
बहुत शुभ होता है
पंडित सुरेश श्रीमाली ने बताया, ये दिन साल के अबूझ मुहूर्त में से एक है. इस दिन सभी प्रकार के मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं. जैसे मुंडन, नामकरण, नई दुकान और बिजनेस का शुभारंभ. तैतिल करण के साथ चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ और शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में रहेंगे. वहीं शनि स्वराशि कुंभ और बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे. जब चार ग्रह अनुकूल स्थिति में हों तो ये अपने आप में बहुत शुभ होता है. अक्षय तृतीया पर बन रहे इस शुभ संयोग में मंगल कार्य बनते चले जाते हैं.
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ये उपाय करें
कई जगहों पर अक्षय तृतीया को आखा तीज भी बोला जाता है. वैशाख मास में जल और दो घड़े के दान का विशेष महत्व है. एक घड़ा पितरों का और दूसरा भगवान विष्णु का माना जाता है. पितरों वाले घड़े को जल से भरकर काले तिल, चंदन, सफेद पुष्प डालें और भगवान विष्णु वाले घड़े में जल भरकर जौ, पीले पुष्प चंदन और पंचामृत डालकर उसपर पांच फल रखें. इसके बाद पूजा अर्चना कर ब्राह्मण या फिर किसी जरूरतमंद को दोनों घड़ों का दान करें. इससे पितृ और भगवान विष्णु की प्राप्ती होगी. परिवार में सुख समृद्धि बनी रहेगी. साथ ही इस दिन तीर्थ स्थान के दर्शन और पितृ तर्पण करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
1. व्यापार में वृद्धि के लिए 21 गोमती चक्र को लाल रेशमी वस्त्र में लपेटकर अपने घर के मंदिर या अपने दुकान के पूर्व दिशा में रखें.
2. एकाक्षी नारियल को चंदन और अक्षत लगाकर पीले कपड़े में लपेटकर अपने घर के तिजोरी में रखें.
3. पितरों के आशीर्वाद के लिए इस दिन चावल, छाता, सत्तू, घी, गेहूं, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, शहद, भूमि, चांदी और फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य करें.
4. मंदिर की सफाई करके मंदिर को फूलों से सजाए और रंगोली बनाएं. पूरे घर में अशोक के पत्तों से गंगाजल का छिड़काव करें. इससे घर में सकारात्मकता आएगी.
5. विष्णु लक्ष्मी मंदिर में पीले पुष्प की माला अर्पित करें और सुगंधित अगरबत्ती जलाएं.