Alwar News: अलवर (Alwar) जिले के बानसूर में करीब 32 साल पहले घर छोड़कर गया हनुमान सैनी नामक व्यक्ति अचानक घर वापस लौट आया. उसकी घर वापसी पर परिजनों का खुशी का ठिकाना नहीं रहा. 32 साल पहले युवक अपनी मनमर्जी से परिजनों को बिना बताए घर से निकला था. इसके बाद परिजनों ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन युवक का कोई सुराग नहीं लगा. परिजनों ने कई साल तक तलाश करने के बाद आखिरी में आस छोड़ दी थी.


इतना ही नहीं उसके बाद परिजनों ने हनुमान सैनी को मृत समझ कर 2022 में उसका डेथ सर्टीफिकेट तक बनवा लिया, लेकिन 32 साल बाद मंगलवार को अचानक ही उसके घर पर आ जानें से परिजनों को विश्वाश ही नहीं हुआ और वो भोचक्के रह गए. बानसूर के अधोपीया की ढाणी का रहने वाला हनुमान सैनी अपनी मनमर्जी से घर छोड़कर दिल्ली चला गया. वहां उसको एक महाराज मिले और वो उनके साथ नगरकोट वाली माता के चला गया.


10 साल मंदिरो में पूजा पाठ करता रहा
वहां पर वो आठ से 10 साल मंदिरो में पूजा पाठ करता रहा. इसके बाद हनुमान सैनी महाराज के साथ गांधी धाम गुजरात आ गया. उसके बाद वो गुजरात के गांधी धाम मंदिरो में रहा. उसने बताया कि मैंने महाराज को अपना गुरु बना लिया था. अब तीन चार दिन पहले रात को मेरे गुरु को माता ने दर्शन दिए और मुझे घर जानें के आदेश दिए. इसके बाद मेरे गुरु ने मुझे घर जानें के लिए कहा और मुझे ट्रेन में बिठा दिया. मैं ट्रेन से खैरथल आ गया.


उसने बताया कि स्टेशन से उतरकर मैं ततारपुर चौराया तक पैदल आया. यहां से मैंने बानसूर की बस पकड़ ली और सवासतया हनुमान मन्दिर उतर गया. इसके बाद मैंने यहां मेरे घर और भाईयों का अता-पता पूछा. वहीं एक युवक ने मुझे पहचान लिया और मेरे परिजनों को सूचना दी. सूचना पर मेरे परिजन पहुंचे और मुझे घर लेकर आ गए.


सपने में आई देवी मां तो छोड़ा घर
हनुमान ने बताया मुझे एक दिन सपना आया, जिसमें देवी माता ने दर्शन दिए और कहा कि तुम्हें 32 साल तक घर और रिश्तेदारों से दूर रहकर भक्ति करनी है. इसके बाद तुम्हारी दरिद्रता खत्म होगी. घर की परेशानियां खत्म होंगी. इसलिए एक दिन अचानक घर पर बिना बताए मैं निकल गया था. अब वह समय पूरा होने के बाद माता के आशीर्वाद से मैं वापस अपने घर लौट आया हूं. हनुमान सैनी के पूत्र रामचन्द्र सैनी ने बताया कि मेरे पिता हमे छोटी सी उम्र में ही छोड़कर चले गए थे. उस समय मेरी उम्र सात साल थी. मेरे पिता कक्षा दो में मेरा एडमिशन करवा गए थे.


उसने बताया कि पढ़ाई के लिए पैसे नहीं होने पर मैंने स्कूल छोड़ दिया और नौकरी करने लग गया. परिवार की आर्थिक स्थिति बिल्कुल खराब हो गई थी. मेरी माता की आंखों में आसूं नहीं रुकते थे. मैने 11 साल नौकरी करने के बाद खुद का धंधा कर लिया. उसके बाद शादी की. उसने कहा कि मैं शनिवार को किसी प्रोग्राम में था. वहां पिता के मिलने की सुचना मिली, तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उसने कहा कि मुझे तो उम्मीद ही नहीं थी कि पिता के दर्शन हो संकेंगे, लेकिन भगवान के आशीर्वाद से मुझे मेरे पिता के दर्शन हुए हैं.


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