Alwar News: अलवर सरिस्का जंगल में आग लगने की सूचना तुरंत अधिकारियों को वायरलेस के जरिए दी गई लेकिन अधिकारी वीआईपी मूवमेंट में लगे रहे. समय रहते अधिकारियों के द्वारा कार्रवाई नहीं की गई. इसका यह नतीजा रहा कि आग तेजी से फैलती गई. रविवार 27 मार्च की शाम सरिस्का (Sariska forest) के अधिकारी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की पत्नी अंजलि के इंतजार में क्षेत्र निर्देशक आरएन मीणा अपने साथ अन्य अधिकारियों और बीजेपी नेता राम मीणा को साथ लेकर स्वागत में खड़े थे. वहीं दूसरी ओर आग बढ़ती गई.
सूचना को गंभीरता से नहीं लिया गया
वनकर्मियों के जरिए अफसरों को दोपहर बाद करीब 4 बजे के आसपास जंगल में आग लगने का मैसेज वायरलैस पर मिल चुकी थी लेकिन सूचना को ज्यादा गंभीरता से नहीं लिया गया. जैसे ही अंजलि तेंदुलकर सरिस्का पहुंचीं, कुछ अफसर आरएन मीणा और उनके साथ खड़े लोगों की तस्वीरें खींचने में लग गए. इसके बाद भी अधिकारियों ने आग पर कुछ करने से पहले अपनी ओर से टाइगर की साइटिंग कराना तय किया. सरिस्का के अधिकारी आरएन मीणा के ड्राइवर लगातार गुमराह भी करते रहे कि आग पर काबू पाने के लिए काम जारी है.
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डीएफओ ने क्या कहा
अलवर सरिस्का के डीएफओ आर एन मीणा ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि जब हमारे पास आग लगने का सूचना का मैसेज आया उसी दौरान हमने टीम को रवाना कर दिया. उसके बाद कई अधिकारी भी पहुंचे और मैं खुद भी मौके पर पहुंच गया. पूरी रात आग बुझाने में टीम के साथ लगे रहे ऐसा कुछ नहीं है. कुछ फोटो जरूर वायरल हो रहे हैं. कुछे लोग ऐसे ही माहौल बनाने की कोशिश करते हैं. आग पर अब काबू पा लिया गया है.
लापरवाही की गई
27 मार्च को अंजलि तेंदुलकर शाम करीब साढ़े 4 बजे सरिस्का पहुंचीं. उसके करीब 15 मिनट पहले सवा चार बजे वायरलेस पर मैसेज आया कि बालेटा के जंगल में आग लगी है. उन्होंने यह जवाब भी दिया था कि अभी आदमी भेजते हैं. जब उस समय आग लगी तो रेंजर ने निश्चित रूप से वहां खड़े सीसीएफ आरएन मीणा को जरूर बताया होगा फिर अंजलि तेंदुलकर पहुंचीं. कुछ ही मिनट बाद अंजलि तेंदुलकर वहां पहुंचती है. उनकी कार के आते ही सब खड़े हो जाते हैं. सीसीएफ एक-एक करके कई लोगों का परिचय कराते हैं. सबसे खास बीजेपी नेता का परिचय कराने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे थे. उन्हें भविष्य का बड़ा नेता भी बताया गया. इसके बाद अंजलि के साथ उनकी फोटो ली गई.
इस वजह से नहीं काबू पा सकते ग्रामीण
सरिस्का बाघ परियोजना में अकबरपुर रेंज के बालेटा- पृथ्वीपुरा नाका जंगल में आग अभी तक नहीं बुझ पाई है. सरिस्का के जंगल में लगी आग को बुझाने में पहली बार वायु सेना के हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया है. जंगल में गर्मियों के मौसम में आग लगने की घटनाएं पहले भी होती रही हैं. इन पर वनकर्मी और ग्रामीण ही काबू पा लेते थे, लेकिन इस बार आग जिस इलाके में लगी है, वहां बाधिन और शावक हैं. ऐसे में सरकार कोई कोताही नहीं बरतना चाहती. इधर, जंगल में फैली आग की जानकारी पर बर्न वार्ड के 10 बेड तैयार कर 6 वेंटीलेटर लगाए गए. एंबुलेंस को मौके पर तैनात किया है.