Alwar Temple Demolition: राजस्थान के अलवर जिले में 300 साल पुराने 3 मंदिरों पर अतिक्रमण बताते हुए बुलडोजर चलाकर उसे ढहा दिया गया. सोशल मीडिया पर 300 साल पुराने शिव मंदिर को जमींदोज करने का वीडियो तेजी से वायरल हो हुआ तो मामले ने तूल पकड़ लिया. बीजेपी ने तुरंत इस मुद्दे पर गहलोत सरकार को घेरना शुरू कर दिया.


अब इसी मुद्दे को लेकर बीजेपी का एक 5 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अलवर पहुंचा है. वहीं बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने हिंदुओं की भावना को ठेस पहुंचाया है, साथ ही पार्टी ने बदले की भावना से कार्रवाई करने का राजस्थान सरकार पर आरोप लगाया है. कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा है कि इसे तोड़ने का आदेश बीजेपी सरकार में ही पास हुआ था.


बीजेपी प्रतिनिधिमंडल में शामिल हैं चेहरे


बता दें कि बीजेपी के इस प्रतिनिधिमंडल में सांसद सुमेधानंद सरस्वती, पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रकांता मेघवाल, राजेंद्र सिंह शेखावत, बृजकिशोर उपाध्याय और भवानी मीणा शामिल हैं. वहीं कल भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट कर लिखा है कि ''राजस्थान के अलवर में विकास के नाम पर तोड़ा गया 300 साल पुराना शिव मंदिर. करौली और जहांगीरपुरी पर आंसू बहाना और हिंदुओं की आस्था को ठेस पहुंचाना यही है कांग्रेस का सेक्युलरिज्म.''


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क्या है पूरा मामला


दरअसल अलवर के राजगढ़ में तीन हिंदू मंदिरों को गिराने का मामला सामने आया है. इसमें मास्टर प्लान को लेकर नगरपालिका बोर्ड की बैठक हुई थी, जिसके बाद 81 लोगों को अप्रैल में नोटिस जारी किए गए थे कि सार्वजनिक जगहों पर अतिक्रमित जगहों को खाली कराया जाएगा. 17 अप्रैल को अतिक्रमण हटाया गया था. घटना का वीडियो वायरल होने पर हिंदूवादी संगठनों की ओर से प्रदर्शन और विरोध शुरू हुआ है. मास्टर प्लान में अतिक्रमण की आड़ में राजगढ़ प्रशासन ने 300 साल पुराने मंदिर को गिरा दिया.


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