Alwar: सरिस्का वन अभ्यारण्य में बीमारी के चलते उम्रदराज बाघ की मौत, पोस्टमार्टम के बाद हुआ अंतिम संस्कार
Alwar News: सरिस्का वन अभ्यारण्य में आज एक टाइगर की बीमारी के चलते मौत हो गई. इसके बाद उसका पोस्टमार्टम कराया गया फिर उसका अंतिम संस्कार करा दिया गया है.
Sariska Forest Sanctuary: सरिस्का वन अभ्यारण्य में आज टाइगर एसटी 6 की मौत की खबर आई है. टाइगर एसटी 6 पिछले काफी समय से इलाज के चलते एनक्लोजर में बंद था. आज उसकी मौत हो गयी है. टाइगर का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराया गया. सरिस्का वन अभ्यारण्य में कुल 27 बाघ-बाघिन मौजूद हैं, लेकिन पिछले करीब तीन माह से टाइगर 13 गायब है और अब टाइगर एसटी 6 की मौत हो गई. हालांकि एसटी 6 की मौत बीमारी के चलते हुई है.
लेकिन सरिस्का के लिए यह बड़े नुकसान के रूप में देखा जा रहा है. टाइगर एसटी 6 उम्रदराज था जिसकी उम्र करीब 16 साल बताई जा रही है. इसे 2010 में रणथंभौर से घना फिर वहां से अलवर शिफ्ट किया गया था. पिछले काफी दिनों से पूंछ के पास घाव के चलते इसे एनक्लोजर में रखा गया था. उसके खाने-पीने की व्यवस्था भी एनक्लोजर में ही की जा रही थी. एसटी 6 ने मंगलवार 11 बजकर 50 मिनट पर अंतिम सांस ली.
किया गया अंतिम संस्कार
टाइगर की मौत के बाद वन अधिकारी मौके पर पहुंचे और टाइगर को पोस्टमार्टम के लिए लाया गया. यहां मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया गया है. डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया 2020 में वह घायल हो गया था तब से उसे एनक्लोजर में रखा गया था. इसकी उम्र करीब 16 साल थी. अमूमन बाघ की उम्र 14 से 15 साल की होती है. उसका पोस्टमार्टम कराकर अंतिम संस्कार किया गया है.
सुरक्षा को लेकर हमेशा उठते हैं सवाल
सरिस्का में तीन माह से ज्यादा हो चुके हैं टाइगर 13 गायब है लेकिन वन प्रशासन कोई पता नहीं लगा पाया. इससे पहले यहां कई बाघों की मौत हो चुकी है. 2005 में सरिस्का में करीब 35 बाघ-बाघिन हुआ करते थे, लेकिन शिकारियों ने सभी बाघों का सफाया कर दिया था. उसके बाद रणथंभौर से बाघों को शिफ्ट करने की कवायद शुरू की गई. आज यहां 27 बाघ बाघिन और शावक हैं. बाघों की सुरक्षा को लेकर हमेशा सवाल उठते रहे हैं.
जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी का गठन
इसी तरह पिछले दिनों सवाईमाधोपुर के रणथंभौर से लापता बाघों की जांच अब एनटीसी और हाईकोर्ट की कमेटियां करेंगी. एनटीसीए ने रणथंभौर से लापता हुए बाघों की जांच के लिए एक दो सदस्यीय कमेटी का गठन किया है. ये कमेटी लापता बाघों को लेकर रणथंभौर का दौरा करेगी और जांच के बाद अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को पेश करेगी. एनटीसीए की कमेटी में शिवपाल सिंह, डीआईजी एनटीसीए और एचवीगिरिश संयुक्त निदेशक डब्ल्यूसीसीबी शामिल हैं. रणथंभौर से बाघ टी-95, टी-97, टी-64 समेत बाघिन टी-73 और उसके दो शावक करीब दो साल से अधिक समय से लापता हैं जिस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया है.
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