Amit Shah Udaipur Visit: चुनावी साल में उदयपुर पहुंचे अमित शाह (Amit Shah) ने शुक्रवार को आदिवासियों को रिझाने की कोशिश की. उन्होंने नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) सरकार के नौ साल के कार्यकाल पूरा होने के अवसर पर आयोजित बीजेपी की रैली को संबोधित किया. इसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से आदिवासियों के लिए किए गए कार्यों का जिक्र किया. इसमें उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Droupadi Murmu) के चुनाव को भी शामिल किया.उन्होंने सभा में आई हुई भीड़ को देखते हुए दावा किया कि 2023 और 2024 के चुनाव में बीजेपी की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बनेगी. उनका इशारा 2023 के राजस्थान विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की ओर था.'


उदयपुर में क्या बोले अमित शाह


अमित शाह ने महाराणा प्रताप को याद करते हुए कहा कि उदयपुर बीजेपी का गढ़ है, यहीं से बीजेपी की विजय पताका लहराएगी. आइए देखते हैं कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भाषण की मुख्य बातें क्या-क्या रहीं.



  • नरेंद्र मोदी जी के शासन के नौ साल गरीब कल्याण के नौ साल हैं. यह सरकार गरीबों, दलितों आदिवासियों और पिछड़ों की सरकार है.

  • किसानों को पहली बार छह हजार रुपये हर साल मिले. राजस्थान के 80 लाख किसानों के बैंक खातों में 16 हजार करोड़ रुपया उनके बैंक खाते में ट्रांसफर किए गए. 

  • जल जीवन मिशन में नल से जल पहुंचाने का काम हुआ है. इस योजना के तहत राजस्थान के 45 लाख परिवारों को उनके घर में ही पीने का शुद्ध पानी पहुंचाया गया है.  और 86 लाख शौचालय बनाए गए हैं.

  • राजस्थान के  4.2 करोड़ लोगों को तीन साल से प्रति व्यक्ति प्रतिमाह के आधार पर मुफ्त अनाज देने का काम कर रही है.

  • पांच करोड़ 75 लाख लोगों को उज्जवला योजना में गैस कनेक्शन मिला है. इनमें से 84 हजार कनेक्शन ड्राइवरों को दिए गए हैं. राजस्थान में 18 लाख लोगों को पक्का घर दिया गया है.

  • आदिवासियों को लक्ष्य करते हुए कहा कि आदिवासियों ने राणाओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर मुगलों से लड़ाई लड़ी.नरेंद्र मोदी सरकार ने बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर जनजातिय गौरव दिवस मनाने का फैसला किया. 

  • आजादी के बाद पहली बार एक गरीब घर की आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनवाने का काम बीजेपी ने किया.इस कदम ने पूरे देश के आदिवासिओं को गौरव दिलाने का काम कया.

  • उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल में केवल 90 एकलव्य विद्यालय थे, जहां आदिवासी बच्चे शिक्षा पाते थे, लेकिन 2014 से 2022 के बीच में नरेंद्र मोदी की सरकार ने 500 से अधिक एकलव्य विद्यालय खोले हैं. पहले जनजातिय मामलों के मंत्रालय का बजट 1000-1500 करोड़ रुपये का था, इसे नरेद्र मोदी जी ने बढ़ाकर 15 हजार रुपये का कर दिया है.


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