Udaipur News: उदयपुर संभाग के चित्तौड़गढ़ जिले के मंडफिया स्थित कृष्ण धाम सांवलिया सेठ मंदिर है. यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में दूर दूर से भक्त आते हैं और चढ़ावा चढ़ते हैं. हर माह करोड़ों का चढ़ावा निकलता है और यहां हर माह भंडारे में चढ़ावे की गणना होती है. इस बार चौकाने वाला चढ़ावा आया है. 4.70 करोड़ रुपए तो नकद चढ़ावा आया वहीं इसके साथ ही 10 सोने के बिस्किट भी निकले है. खास बाद यह है कि अभी बड़ी संख्या में चढ़ावे की गणना शेष है.
100-100 ग्राम के सोने के बिस्किट निकले
मंदिर मंडल सदस्य भेरूलाल सोनी ने बताया कि सुविख्यात कृष्ण धाम सांवलियाजी में दो दिवसीय मासिक मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. मेले के प्रथम दिन राजभोग आरती के बाद भगवान का भंडार सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष भेरू लाल गुर्जर, बोर्ड सदस्यों और भदेसर तहसीलदार गुणवंत माली की उपस्थिति में खोला गया. गणना में मंदिर मंडल सदस्य लाल पाटीदार, ममतेश शर्मा, अशोक शर्मा, संजय कुमार मंडोवरा के सानिध्य में की गई. भंडार राशि से प्रथम दिन करीब 4 करोड़ 70 लाख रुपए की गणना की गई, इसके साथ ही भंडार से सोने के 100-100 ग्राम के 10 बिस्किट भी निकले. अभी भी बड़ी मात्रा में भंडार के नोटों की गणना तथा सोने चांदी का वजन और भैंट कक्ष की आय का विवरण तैयार किया जाना शेष है.
मंदिर मंडल सदस्य भेरूलाल सोनी ने बताया कि सुविख्यात कृष्ण धाम सांवलियाजी में दो दिवसीय मासिक मेला हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ. मेले के प्रथम दिन राजभोग आरती के बाद भगवान का भंडार सांवलियाजी मंदिर मंडल अध्यक्ष भेरू लाल गुर्जर, बोर्ड सदस्यों और भदेसर तहसीलदार गुणवंत माली की उपस्थिति में खोला गया. गणना में मंदिर मंडल सदस्य लाल पाटीदार, ममतेश शर्मा, अशोक शर्मा, संजय कुमार मंडोवरा के सानिध्य में की गई. भंडार राशि से प्रथम दिन करीब 4 करोड़ 70 लाख रुपए की गणना की गई, इसके साथ ही भंडार से सोने के 100-100 ग्राम के 10 बिस्किट भी निकले. अभी भी बड़ी मात्रा में भंडार के नोटों की गणना तथा सोने चांदी का वजन और भैंट कक्ष की आय का विवरण तैयार किया जाना शेष है.
दो दिन मेले में विशेष श्रृंगार और सजावट हुई
इधर मंदिर में ओसरा पुजारी नारायण दास वैष्णव, पुत्र श्याम बिहारी एवं नितेश वैष्णव द्वारा मेले के दोनों दिन भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर आकर्षक श्रृंगार करवाया गया. आकर्षक पोशाके धारण करवाकर भगवान के भाल पर केसर चंदन के तिलक लगाएं तथा सिर पर मोर पंख सजाया गया. गुलाब की मालाएं अर्पित की गई. मेले के दूसरे दिन शाम को भगवान को अमावस्या का विशेष भोग लगाया गया. इसके बाद देवकी सदन धर्मशाला में महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त श्रद्धालुओं ने भोजन ग्रहण किया.
इधर मंदिर में ओसरा पुजारी नारायण दास वैष्णव, पुत्र श्याम बिहारी एवं नितेश वैष्णव द्वारा मेले के दोनों दिन भगवान को गंगाजल से स्नान करवाकर आकर्षक श्रृंगार करवाया गया. आकर्षक पोशाके धारण करवाकर भगवान के भाल पर केसर चंदन के तिलक लगाएं तथा सिर पर मोर पंख सजाया गया. गुलाब की मालाएं अर्पित की गई. मेले के दूसरे दिन शाम को भगवान को अमावस्या का विशेष भोग लगाया गया. इसके बाद देवकी सदन धर्मशाला में महाप्रसादी का आयोजन किया गया, जिसमें समस्त श्रद्धालुओं ने भोजन ग्रहण किया.
इस बीच मंदिर मंडल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं एडीएम प्रशासन अभिषेक गोयल ने भी भ्रमण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का अवलोकन किया एवं आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए. 15 अगस्त एवं मासिक मेले पर मुख्य मंदिर एवं कॉरिडोर पर आकर्षक विशेष विद्युत साज की गई जो कि आगामी समय में स्थाई रूप से संचालित की जाएगी. विद्युत सज्जा देखने के लिए दोनों दिन श्रद्धालुओं के साथ ही बड़ी संख्या में कस्बे के लोग भी पहुंचे.