Rajasthan: नाराज किसानों ने बीमा कंपनी के ऑफिस में लगाया ताला, बोले राहत नहीं दे सकते तो बंद करें कार्यालय
राजस्थान के कोटा में किसान फसल बीमा कंपनी बजाज के ऑफिस पहुंचे. उन लोगों ने नाराजगी जताते हुए अधिकारी समेत स्टाफ के सभी लोगों को बाहर निकालते हुए कार्यालय पर ताला जड़ दिया.
Rajasthan News: राजस्थान के कोटा में बीमा कंपनियां बीमा के पैसा तो बराबर ले रही हैं, लेकिन पैसे देने में लापरवाही बरत रही हैं. 2 सालों से यहां किसान लगातार बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि से अपनी फसलों को चौपट होते देख रहे हैं, लेकिन अभी तक किसानों को दो साल पुराना क्लेम नहीं मिला है. किसानों को प्रदेश सरकार के आपदा प्रबंधन की ओर से न तो कोई मुआवजा दिया गया. ना ही फसल बीमा करने वाली कंपनियों की ओर से किसानों को राहत दी गई है. इन सबसे किसान परेशान हैं. वो अपनी आंखों के सामने अपने खून पसीने की कमाई को बर्बाद होते देख रहे हैं.
इन्हीं सब बातों से नाराज होकर आज भाजयुमो, किसान मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष गिर्राज गौतम और बीजेपी किसान मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य राकेश नायक के नेतृत्व में किसान फसल बीमा कंपनी बजाज के ऑफिस पहुंचे. जहां पर गिर्राज गौतम न पहले तो समय पर अधिकारी उपलब्ध नहीं होने पर नाराजगी जताई. इसके बाद अधिकारी के आने पर उन्हें खरी-खोटी सुनाते हुए किसानों को दिए जा रहे धोखे को बंद करने की बात कही.
किसान मौसम की आपदा के कारण परेशान
गौतम ने कहा कि लगातार किसान मौसम की आपदा के कारण परेशान है. वो कर्जा लेकर फसल तैयार करते हैं. जब उसकी फसल पर संकट आता है तो बीमा काटने वाली कंपनियां और राज्य सरकार का आपदा प्रबंधन हाथ पीछे खींच लेता है. किसान लगातार शिकायतें दर्ज कराता है. अधिकारियों कर्मचारियों के दफ्तरों के चक्कर काटता है, लेकिन उसे कोई राहत नहीं मिल पाती.
उन्होंने कहा कि ये विभाग किसानों को राहत नहीं दे सकते तो इन्हें तुरंत बंद कर दिया जाना चाहिए. गिर्राज गौतम ने बीमा कंपनी के ऑफिस में रखें हजारों शिकायत पत्रों में से दस्तावेज निकाल कर अधिकारी के सामने ही संबंधित किसानों को फोन किया और जानकारी ली. उन्होंने किसानों से पूछा कि क्या उन्हें 2021 से अभी तक बीमा का मुआवजा मिला है. सभी किसानों ने मना करते हुए कहा कि हर फसल के समय केसीसी और सहकारी के माध्यम से बीमा तो काट लिया जाता है, लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया गया है.
किसानों के सवालों से बगले झांकते रहे अधिकारी
वहीं जब कार्यकर्ताओं ने अधिकारी से पूछा तो वो बैंक को इसके लिए जिम्मेदार बताने लगे. इस पर कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जताते हुए अधिकारी समेत स्टाफ के सभी लोगों को बाहर निकालते हुए कार्यालय पर ताला जड़ दिया. साथ ही कहा गया कि जब किसानों को राहत ही नहीं दे सकते, तो ऑफिस खोल कर बैठने का क्या फायदा.
किसानों ने बताई पीड़ा
बीमा कंपनी के ऑफिस में इटावा और सांगोद क्षेत्र से आए किसानों ने भी अपनी पीड़ा व्यक्त की. उन्होंने बताया कि फसल बीमा के समय बैंक को अपनी खेत की फसल के बारे में लिख कर दिया. इसके बावजूद भी बीमा कंपनियो और बैंक ने पूरे खेत में केवल गेहूं की फसल दर्शा दी, जबकि उनका धनिया और सरसों नुकसान हुआ था.
7 दिन में मुआवजा नहीं तो हमेशा के लिए लगा देंगे ताला
गिर्राज गौतम ने अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर 7 दिनों में संपूर्ण किसानों को उनके फसल खराबी का मुआवजा नहीं दिया गया तो हमेशा के लिए ऐसे विभागों पर ताला लगा दिया जाएगा. इसके बाद कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक पीके गुप्ता ने अपनी ओर से किसानों की हर संभव सहायता करने का भरोसा दिलाया.
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