Rajasthan: जीव रक्षा के लिए गहलोत सरकार का एलान, 14 से 30 जनवरी तक मनेगा पशु कल्याण पखवाड़ा
जीव रक्षा के लिए राजस्थान में 14 जनवरी से 30 जनवरी तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाया जाएगा. पखवाड़े के बीच 26 जनवरी और 30 जनवरी को दो दिन सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाएगा.
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Rajasthan News: राजस्थान में जीव रक्षा के लिए अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सरकार पखवाड़ा मनाने जा रही है. पशुपालन विभाग ने 14 जनवरी से 30 जनवरी तक पशु कल्याण पखवाड़ा मनाने का एलान किया है. पशुपालन विभाग के शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने बताया कि पशुओं के प्रति जनता को जागरूक करने और पशु पशुपालकों का कल्याण करने के लिए पखवाड़ा मनाने का फैसला किया गया है.
पखवाड़े के दौरान जीव जंतुओं के प्रति प्रेम और दया भाव जागृत करने की दृष्टि से विभागीय स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजन किए जाएंगे. पतंगबाजी से घायल पक्षियों को मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के दिन सुबह 7 बजे से शाम तक शिविर में तत्काल चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी. प्रत्येक पशु चिकित्सा संस्था पर एक बांझ निवारण और पशु शल्य चिकित्सा शिविर का आयोजन कर अधिकाधिक संख्या में पशुओं को लाभांवित किया जाएगा. शिविरों में पशुपालकों और गौशालाओं के पशुओं में कृमिनाशक उपचार करेंगे. पशु क्रूरता के संबंध में जन सामान्य को आवश्यक जानकारी दी भी दी जाएगी.
दो दिन मनाया जाएगा सर्वोदय दिवस
पखवाड़े के बीच 26 जनवरी और 30 जनवरी को सर्वोदय दिवस (शहीद दिवस) के रूप में मनाया जाएगा. दोनों दिन पूरे प्रदेश में पशु पक्षियों का वध करना और मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. पशुपालन विभाग के निदेशक भवानी सिंह राठौड़ ने सभी जिलों के विभागीय अधिकारियों को आदेश जारी किया है. विभागीय अधिकारी शिक्षण संस्थाओं, पंचायत मुख्यालयों और गौशालाओं में सभा और रैली करेंगे.
पखवाड़े में आयोजिद होंगे कार्यक्रम
1- चाइनीज मांझे के उपयोग पर प्रतिबंध लगाना और पक्षियों को चोटिल होने से बचाने के लिए पतंगबाजी का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक निर्धारित कर सुबह शाम पक्षी विचरण के समय पतंगबाजी पर प्रतिबंध सुनिश्चित किया जाएगा.
2- पशु चिकित्सा संस्थाओं के माध्यम से ग्राम पंचायतों, नगर पालिकाओं एवं गौशालाओं में चेतना शिविर, गोष्ठियां एवं पशु कल्याण जन जागृति रैली आयोजित की जाएगी.
3- जिला स्तर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियमों एवं अन्य संबंधित अधिनियमों की जानकारी देने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
4- पंचायत समिति एवं तहसील स्तर पर पशु कल्याण गोष्ठी का आयोजन कर पशुपालकों को विभागीय योजनाओं की विस्तृत जानकारी देकर समस्याओं का समाधान किया जाएगा.
5- विभागीय अधिकारी गौशालाओं में जाकर सर्दी से पीड़ित पशुओं को राहत देने के लिए संबंधित उपाय किए जाएंगे.
6- रोगी एवं घायल पशुओं को निःशुल्क चिकित्सा सेवा उपलब्ध करवाई जाएगी.
7- पशु परिवहन के दौरान निर्देशों की पालना न करने वालों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. साथ ही पशुओं को वाहनों में क्षमता से ज्यादा भरकर परिवहन करने पर सजा का प्रावधान किया जाएगा.
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