House for Birds: जोधपुर जिले के एक गांव में तैयार हो रहा है लाखो रुपये की लागत से 6 मंजिला अपार्टमेंट. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इसमें इंसान नहीं बल्कि पक्षी रहेंगे. मान मनुहार और अपणायत के लिए देश-दुनिया में मारवाड़ की अपनी अलग ही पहचान है. इसी मारवाड़ की धरती से पक्षियों को बचाने के लिए अनोखी पहल देखने को मिल रही है. सहयोग संगठन ग्रुप की अनूठी पहल के चलते मात्र 48 घंटों में व्हाट्सएप ग्रुप से करीबन पांच लाख रुपये एकत्रित कर लिए गए. पक्षियों के लिए पक्षी घर बनाने का काम किया जा रहा हैं.


जोधपुर के किस गांव में बन रहा है पक्षियों का आसियाना


जोधपुर जिले देचू की ग्राम पंचायत कानोडिया पुरोहितान गांव में अब पक्षियों के लिए पक्के घर बनाए जा रहे हैं. ये पक्षी घर गांव के भामाशाहओं की ओर से राशि एकत्रित करके पक्षियों के लिए पक्के घर बनाने का बीड़ा उठाया गया है. सहयोग संगठन कानोडिया पुरोहितान गांव का एक व्हाट्सएप ग्रुप बना है. उस ग्रुप में चार सौ से भी अधिक भामाशाह जुड़े हुए हैं. ग्रुप एडमिन चुतर सिह और रावल सिंह ने ग्रुप में सहयोग संगठन के सदस्यों के सामने पक्षी घर बनाने की बात रखी, फिर किया था.


भामाशाहओं ने ग्रुप में फोटो भेजे कि ऐसा लग्जरी अपार्टमेंट बनाना है. फिर ग्रुप में कुछ ही देर में घोषणाए शुरू हो गईं, देखते ही देखते भामाशाह आगे आने लगे और इस मुहिम से लोग जुड़ते गए. मात्र 48 घंटों में ही पांच लाख रुपये एकत्र हो गए.इसके बाद गुजरात से पक्षी घर बनाने वाले कारीगर को बुलाया गया. पक्षी घर बनाने वाले अधिकतर कारीगर गुजराती ही हैं. 


पक्षियों का घर बनाने के लिए कहां सेआए हैं कारिगर


सहयोग संगठन के सदस्यों की मौजूदगी में गुजरात के कारीगर हरीश पटेल को पक्षी घर बनाने का ठेका दिया गया. सहयोग संगठन के सदस्यों का कहना है कि आंधी, तूफान और बारिश में पक्षियों की मौत हो जाती है. बिना घर पक्षी कभी पेड़ पर बैठते हैं तो कभी बिजली के तारों पर. कई बार करंट लगने से या आंधी में पेड़ों के गिरने से उनकी मौत हो जाती है. कभी-कभी कुत्ते और बिल्ली के हमले में भी पक्षी मर जाते हैं. घर बन जाने से पक्षियों को बचाया जा सकेगा. इसके साथ ही पक्षी घर के अंदर पक्षी सुरक्षित रहेंगे. 


पक्षी घर छह मंजिल बनाया जा रहा है. यह करीब 60 फिट लंबा है. इसमें 700 से 800 पक्षी घर बनाए जा रहे हैं. इनमें शाम के समय पक्षी विश्राम कर सकेंगे. ये पक्षी आंधी तूफान में अपने घर में सुरक्षित रहेंगेय पक्षियों के लिए चुग्गे की व्यवस्था भी पास ही में बने दादोसा रतन सिंह जी के मंदिर के पास ही है.पक्षी घर से 100 फिट की दूरी  है, इतना ही नहीं पक्षी घर के सामने पानी की टंकी भी बनी हुई है. इसमें पशु-पक्षी दोनों के लिए पानी की व्यवस्था है.


आसपास के गांवों में भी हुई पहल


सहयोग संगठन के सदस्यों की गांव में ही नहीं पूरे राजपुरोहित समाज के साथ-साथ आसपास ग्रामीणों क्षेत्रों में भी जमकर तारीफ हो रही है. हर कोई सराहना कर रहा है. व्हाट्सएप ग्रुप से शुरू हुई यह मुहिम आज आसपास के गांवों के युवा भी इस मुहिम से प्रेरणा ले रहे हैं. आसपास के गांवों में भी पक्षी घर बनाने की मुहिम जोरों पर है.


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