Tourism in Kota Region: राजस्थान के कोटा संभाग के जिले कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ तेजी से बदल रहे हैं.कोटा में साढे तीन अरब अरब और बारां, बूंदी, झालावाड़ में 41 करोड़ से ज्यादा के विकास कार्य इन दिनों प्रगती पर हैं. विकास के ये काम इस संभाग को पर्यटन नगरी के रूप में अपनी अलग पहचान दिलाएंगे. इसके लिए प्रशासन और शासन स्तर पर तेज प्रयास हो रहे हैं.हाडोती संभाग में पर्यटन की भरपूर संभावनाएं हैं,यहां जहां एक और चंबल नदी है तो दूसरी ओर हरियाली बेशुमार है.टाइगर रिजर्व है,चंबल रिवर फ्रंट है,कई डैम हैं तो अत्याधुनिक रूप से किया गया विकास भी यहां के सुंदरीकरण को चार चांद लगाता है.
कोटा संभाग में कितने देसी-विदेशी पर्यटक आए
साल 2018 से 2023 की शुरूआत तक कोटा में छह लाख तीन हजार 810 देसी और 6282 विदेशी पर्यटक आए. इस तरह कोटा में कुल छह लाख 10 हजार 92 पर्यटक आए. वहीं बूंदी में दो लाख 59 हजार 817 देसी और 98 हजार 796 विदेशी पर्यटक आए कुल पर्यटक. इस तरह बूंदी में कुल तीन लाख 58 हजार 613 पर्यटक आए.वहीं झालावाड़ में दो लाख 80 हजार 585 देसी पर्यटक आए और 167 विदेशी पर्यटक आए. इस तरह कुल दो लाख 80 हजार 752 पर्यटक झालवाड़ घूमने आए.बारां में साल भर में 23 हजार देसी और नौ विदेशी पर्यटक आए यानी कि 23 हजार नौ पर्यटक यहां आए.
कोचिंग हब ने भी बढ़ाया पर्यटन
कोटा में देश के किसी भी कोने के लिए सीधी रेल कनेक्टिविटी है. इससे यहां देसी और विदेशी पर्यटक आसानी से पहुंचते हैं.वहीं कोटा में कोचिंग हब होने के कारण यहां पर आने वाले कोचिंग स्टूडेंट और उनके माता-पिता और परिजनों के यहां आने से पर्यटन को बढ़ावा मिला है.पूरे साल भर स्टूडेंट के परिजन यहां आते हैं और अलग-अलग जगह पर घूमते हैं.नया एयरपोर्ट बनने के साथ ही यह पर्यटन उद्योग अब और तेजी से बढ़ने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
बूंदी में क्या है खास
बूंदी की बात करें तो बूंदी शहर की प्राचीन बावडियों, सुख महल, 84 खंभों की छतरियां और धरोहर को विकसित करने के काम चल रहे हैं.रणथंबोर आने वाले पर्यटकों को बूंदी से जोड़ने के लिए रामगढ़ टाइगर सेंचुरी को विकसित किया जा रहा है.इसमें रामगढ़ महल के रिनोवेशन के 40 लाख के काम हो रहे हैं.पर्यटन विभाग बूंदी के अनुसार बावडियों के सौंदर्यीकरण के नौ करोड़ 20 लाख के काम बूंदी बाईपास पर सत्याशील लाख 50 हजार के काम और इंदरगढ़ बिजासन माता मंदिर परिसर में 99 लाख के काम,बूंदी बाईपास पर 87 लाख 50 हजार के कार्य और इंद्रगढ बीजासन माताजी पर 99 लाख के विकास कार्य मिलाकर 11 करोड 50 लाख के विकास कार्य यहां प्रगति पर हैं.
बारां के विकास को लगा पंख
बारां में 17 करोड के काम पाइप लाइन में हैं. इनमें रामगढ़ क्रेटर (उल्कापिंड) को छह करोड़ 90 लाख रुपए में विकसित किया जा रहा है.मांगरोल स्थापत्य कला शिल्प कला के बेजोड़ नमूने प्राचीन धरोहर भंड देवरा के पास काम चल रहा है.पुष्कर तालाब को विकसित किया जा रहा है.सीताबाड़ी में नक्षत्र वाटिका पार्क,लक्ष्मण सीता माता मंदिर और सीसवाली में बड़ोद महादेव के मिलाकर कुल तीन करोड़ रुपए के विकास के काम हो रहे हैं.
तेजी से बढ़ रहा है झालावाड़
झालावाड़ की बात करें तो यहां गागरोन फोर्ट में 57 लाख की शिल्प कला पेंटिंग, जन सुविधाओं और गागरोन दरगाह परिसर में 87 लाख 88 हजार के काम हो रहे हैं. किशन सागर तालाब स्थित रैन बसेरे के 2022 के प्रोजेक्ट पर नौ करोड़ के काम हो रहे हैं.सीएम की बजट घोषणा के अनुरूप सर्व धर्म सद्भावना के तहत गागरोन गढ़ और चांदखेड़ी जैन मंदिर के आसपास विकास के पुराने स्ट्रक्चर को नया लुक देने के लिए दो करोड़ 79 लाख के काम हो रहे हैं.
कोटा का चंबल रिवर फ्रंट
कोटा में वैसे तो दर्जनों पर्यटन स्थल हैं,लेकिन इन दिनों सबसे अधिक चर्चा चंबल रिवर फ्रंट की हो रही है. यह विश्व विख्यात तो है ही इसके अंदर बन रहे प्रोजेक्ट विश्व रिकॉर्ड अपने अंदर समेटे हुए हैं.चंबल रिवर फ्रंट का काम तेजी से चल रहा है. इसके शीघ्र पूरा होने की संभावना भी जताई जा रही है.इसके पूर्ण होने से कोटा,बूंदी, बारां और झालावाड़ सहित प्रदेश व देश के सभी जिलों से पर्यटक को यह अपनी और आकर्षित करेगा.चंबल रिवर फ्रंट का निर्माण जून 2020 में प्रारंभ किया गया था. इसकी डेडलाइन मार्च 2023 दी गई है,हालांकि यह पहले मार्च 2022 थी लेकिन कामों के निरंतर बढ़ने से इसका समय भी बढ़ गया.इसकी लंबाई की बात करें तो दोनों छोर की लंबाई 5.9 किलोमीटर है.
इसमें 26 घाट हैं. इसमें पूर्वी छोर पर 14 घाट हैं जबकी पश्चिम छोर पर 12 घाट हैं. दो हजार से अधिक कारीगर इसे बनाने में जुटे हैं. अब तक इसका 90 प्रतिशत काम पूर्ण हो चुका है. इसकी कुल लागत एक हजार करोड़ रुपये है. इसमें विश्व विख्यात बेल (घंटी), नेहरू जी का मुखौटा, अदृश्य दिखाई देने वाली प्रतिमा,चंबल माता की प्रतिमा,घाट,देसी-विदेशी कला,संस्कृति का बेजोड़ नमूना यहां पर देखने को मिल रहा है. इसके साथ ही चंबल में वोटिंग भी यहां होने की संभावना जताई जा रही है. इस तरह कोटा संभाग आने वाले कुछ समय में पर्यटन नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाएगा. यह यहा के लोगों को रोजगार भी देगा.
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