Asaram Case: सोशल मीडिया पर इन दिनों जेल में बंद आसाराम का एक ऑडियो वायरल हो रहा है. ऑडियो में आसाराम बोल रहा है कि जनवरी 2023 में रिहा हो जाएगा. ऑडियो में ऐसा दावा किया जा रहा है. जेल में बंद आसाराम ने यह संदेश अपने साधकों को भेजा है. आसाराम, जो बीते 9 साल से जोधपुर सेंट्रल जेल में अंतिम सांस तक कठोर कारावास की सजा भुगत रहा है, उसका ऑडियो मैसेज सामने आने के बाद कई साधक उससे मिलने की तैयारियों में जुट गए हैं और अपने टिकट करवा रहे हैं.


जनवरी में अहमदाबाद केस में आ सकता है फैसला
साल 2023 में आसाराम के अहमदाबाद केस का फ़ैसला आने वाला है. माना जा रहा है कि वायरल ऑडियो के पीछे आसाराम के मैनेजमेंट का हाथ हो सकता है. आशाराम को जेल में विश्वास दिलाया गया है. साथ ही उससे जुड़े मामले में जनवरी 2023 में अहमदाबाद में चल रहे हैं केस में फैसला आने वाला है. साधकों की भीड़ ज्यादा ना हो, इसलिए यह ऑडियो संदेश जारी किया गया है. इससे पहले जब जोधपुर के मामले में फैसला सुनाया गया, उस दौरान शहर में धारा 144 लगाई गई थी. सुरक्षा के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया था.


आसाराम को विश्वास में लेकर बनाया ऑडियो
हिंदू सेना के राष्ट्रीय सचिव बम बम ठाकुर ने इस ऑडियो की पुष्टि करते हुए बताया कि आसाराम के मैनेजमेंट टीम ने यह ऑडियो मैसेज जारी किया है. इस तरह का ऑडियो आसाराम को विश्वास में लेकर बनाया गया है. उसको बताया गया है कि उसका केस अच्छे से लड़ा जा रहा है और वो जनवरी में रिहा हो रहा है. 


आसाराम को सजा होना तय माना जा रहा
हालांकि, वास्तविकता यह है कि केस से जुड़े वकीलों का मानना है कि आसाराम को सज़ा होना तय है. लेकिन, ऐसा प्रतीत होता है कि साधकों की नाराज़गी से बचने के लिए मैनेजमेंट ने 86 वर्षीय आसाराम से कहलवाया है कि वह जनवरी में रिहा होकर बाहर आ रहा है. अति उत्साहित साधक जोधपुर यात्रा के लिए ट्रेन बुकिंग करवा रहे हैं. इससे जब फ़रवरी की शुरुआत में अहमदाबाद केस में सज़ा का फ़ैसला आएगा तब तक साधक अपना धन और मनोबल दोनों खो चुके होंगे. निराश साधक आश्रम मैनेजमेंट के समक्ष प्रश्न लेकर ना आएं, इसलिए टीम झूठ का प्रॉपोगेंडा फैला रही है.


आसाराम पर झूठा केस करने का आरोप
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय सचिव बम बम ठाकुर ने आरोप लगाते हुए कहा है कि लिखने की आवश्यक्ता नहीं है कि ये दोनों केस आसाराम पर उनकी ही मैनेजमेंट ने करवाए हैं. शिष्य के भेष में आश्रम में घुसे इन लोगों ने आसाराम पर झूठे केस करवाए और ग़लत तरह से लड़कर पहले जोधपुर में सज़ा करवाई और अब अहमदाबाद में सज़ा करवाने जा रहे हैं. ये पूरा षड्यंत्र आसाराम बापू के ट्रस्ट और आश्रम क़ब्ज़ाने के लिए किया गया था. अब विचारणीय यह है कि आसाराम बापू के शिष्य मैनेजमेंट के जाल में फंसकर जोधपुर भागेंगे या अपने विवेक का इस्तेमाल कर सज़ा होने से पहले अपने गुरु को बचाने का प्रयत्न करेंगे?


आसाराम को क्यों भेजना पड़ा ये संदेश?
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय सचिव बमबम ठाकुर ने ऑडियो की प्रमाणिकता पर मुहर लगाते हुए बताया कि यह ऑडियो आसाराम का ही है और जेल से यह संदेश अपने साधकों को भेजा है. आसाराम जो पिछले 9 साल और तीन महीने से जेल में बंद हैं, उसको अपने कारावास के दौरान एक दिन की जमानत या पेरोल नहीं मिली है. ऐसे में ऐसा क्या हुआ की आसाराम संदेश भेज रहा है कि वह बाहर आ रहा है. तो आइए जानते हैं सत्य-


आसाराम बापू को 18 अप्रैल 2018 को जोधपुर सेशन कोर्ट द्वारा आमरण कारावास की सज़ा सुनाई गई थी. उस समय आसाराम की मैनेजमेंट ने साधकों को विश्वास दिलाया था कि बापू रिहा हो रहे हैं और साधक अपने घर पर बैठकर जप और संकल्प करें. जोधपुर में धारा 144 लगा दी गई थी, ताकि वहां भीड़ ना इकठ्ठी हो सके. आश्रम द्वारा सबको भरोसा दिलवाया गया था कि सज़ा नहीं होगी, लेकिन जब सज़ा की खबर आई तो बापू से एक ऑडियो रिलीज़ करवा दिया गया कि मैनेजमेंट ने केस ग़लत नहीं लड़ा और वो हाई कोर्ट से छुड़वा लेंगे. साधकों को भ्रमित कर उनकी एकता को तोड़ गया और पिछले 9 सालों से आसाराम के आश्रमों पर मैनेजमेंट में बैठे हुए मुट्ठी भर लोग राज कर रहे हैं.


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