Rajasthan Election 2023: राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने आलाकमान से इस बार विधानसभा चुनाव से दो महीने पहले ही टिकट तय करने की अपील की है. उनका मानना है कि कई मौजूदा विधायक इस बार चुनाव हार रहे हैं. यूथ कांग्रेस (Youth Congress) की बैठक में गहलोत ने कहा,''हमारे कुछ एमएलए खुद ही कहते हैं कि मैं नहीं जीत पा रहा हूं.हम उनको पूछेंगे कि आप किसे मौका देना चाहते हो.चुनाव में जीतना है तो केवल जीतने वाले उम्मीदवार को टिकट देना चाहिए तब हम जीतेंगे.''
बंद हो लंबी बैठकों का दौर
जयपुर में गुरुवार को इंदिरा गांधी पंचायती राज भवन में यूथ कांग्रेस कार्यकारिणी की बैठक आयोजित की गई थी.इसमें सीएम ने विधानसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की. उन्होंने कहा,''दिल्ली में लंबी बैठकों का सिस्टम बंद होना चाहिए.दो महीने पहले टिकट फाइनल कर दें, जिसे टिकट मिलना है, उसे इशारा कर दें. वो लोग काम में लग जाएं. साधनों की कमी भी रहेगी, क्योंकि जिस तरह पॉलिटिकल पार्टियों को टाइट कर रखा है.''
गहलोत ने कहा,'' राहुल गांधी ने अभी मुझे दिल्ली में कहा कि खाली योजनाओं से काम नहीं चलता है, सब कुछ हुआ है, लेकिन विधायक नेताओं का कैसा व्यवहार है. क्षेत्र में जीतने की क्षमता है कि नहीं. 100 सीटों पर तो वैसे ही हम चुनाव हारे हुए हैं, वो खाली पड़ी है.''
युवा कांग्रेसियों को दी यह सलाह
मुख्यमंत्री ने कहा,''यूथ कांग्रेस के नेताओं को चाहिए कि अभी से प्रयास शुरू कर दें. मैं इसके खिलाफ हूं कि चुनाव में जब टिकट तय करने बोर्ड बैठता है तो अध्यक्ष भी पर्ची भेजते हैं. कोशिश करते हैं कि यूथ कांग्रेस को 10-12 टिकट मिलें, उसमें दो चार को मिलता है या नहीं मिलता है, वह नहीं होना चाहिए. हमने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भी कहा है,दो महीने पहले टिकट तय हो जाएं. जिन्हें टिकट मिलना है वह दो महीने पहले ही तय हो जाएं.''
उन्होंने कहा, ''जो कुछ भी आपको फीडबैक मिले, जो एजेंसियां बनी हैं, सुनील करके कोई हैं जो एआईसीसी की तरफ से सर्वे कर रहे हैं, उनसे आप बात कर लीजिए. हम भी बात करेंगे.'' गहलोत ने कहा कि सर्वे दो तीन तरह के होते हैं. जो जितना कार्यकर्ताओं के संपर्क में रहता है, सर्वे में उसी का कार्यकर्ता नाम लेते हैं. उसी के बारे में कार्यकर्ता बात करते हैं कि वह जीत सकता है.वो नाम अगर पहले आ जाएं, जैसे 25 नाम दे दिए, पहले ही उनको सर्वे में डलवा दीजिए.हमें जब दो महीने पहले ही नाम पता लग जाएं, चुनाव में जब टिकटों के लिए दिल्ली की सड़कों पर घूमना पड़ता है तो नेता भी थक जाते हैं और कार्यकर्ता भी थक जाते हैं. फिर टिकट मिलते हैं तो थका हुआ क्या काम करेगा वहां पर.''
दिल पर पत्थर रखकर राजनीति करना सीखें
गहलोत ने कहा, ''इस बार तैयारी भी करो, आगे बढ़ना है तो एक बात याद रखो. जिंदगी में एक बार पार्टी हाईकमान का फैसला आ जाए, दुख तो होता है जब टिकट नहीं मिला और इच्छा पूरी नहीं हुई.उस वक्त दिल पर पत्थर रखकर राजनीति होनी चाहिए. दिल कितना कोमल होता है, उस पर पत्थर रखो. जो दिल पर पत्थर रखकर राजनीति कर लेगा वह कामयाब होगा.''
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