Manmohan Singh Last Rites: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक स्थल को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में डॉ. मनमोहन सिंह की इज्जत है. जब वो बोलते थे तो दुनिया सुनती थी. केंद्र सरकार उनका स्मारक बनाने के लिए राजनीति कर रही है.
उन्होंने मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार के लिए राजघाट में जमीन आवंटन को लेकर केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण पर कहा कि जब जमीन देना ही था तो पहले ही क्यों नहीं घोषणा की? जब देश भर से आवाज उठने लगी तब जाकर सरकार ने ये घोषणा क्यों की?
स्मारक स्थल पर विवाद क्यों?
अशोक गहलोत के मुताबिक, "NDA सरकार ने डॉ. मनमोहन सिंह जैसे महान व्यक्तित्व के अंतिम संस्कार एवं स्मारक बनाने को लेकर अनावश्यक विवाद पैदा किया है. जिस व्यक्तित्व को दुनिया सम्मान दे रही है उनका अंतिम संस्कार भारत सरकार किसी विशेष स्थान की जगह निगम बोध घाट पर करवा रही है."
शेखावत और बाल ठाकरे की दिलाई याद
उन्होंने कहा कि साल 2010 में हमारी सरकार ने बीजेपी द्वारा मांग किए बिना ही पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के निधन के बाद उनके परिवार से बात कर जयपुर में उनके अंतिम संस्कार के लिए तुरंत विशेष जगह आवंटित की एवं वहीं स्मारक निर्माण करवाया. कांग्रेस सरकार ने 2012 में महाराष्ट्र में बाल ठाकरे के निधन के बाद मुंबई के शिवाजी पार्क में विशेष स्थान आवंटित कर अंतिम संस्कार करवाया था.
दबाव के आगे झुकी केंद्र सरकार
कांग्रेस ने हमेशा सभी पार्टियों के नेताओं को सम्मानजनक विदाई दी. परंतु बीजेपी द्वारा डॉ. मनमोहन सिंह के साथ ऐसा व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है. आज उनके निधन पर पूरा देश शोक में है. जब देश के लोगों ने सरकार के इस कदम पर नाराजगी जताई तब जनभावना के दबाव में बीजेपी सरकार भविष्य में स्मारक बनाने की घोषणा कर रही है.
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