(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को कांग्रेस-बीजेपी ने फिर क्यों दी बड़ी जिम्मेदारी, समझें सियासी मायने
Ashok Gehlot-Vasundhara Raje News: अशोक गहलोत को कांग्रेस ने हरियाणा का ऑब्जर्वर और वसुंधरा राजे को बीजेपी ने स्टार प्रचारक बनाया है. गहलोत को कांग्रेस में गुटबाजी कम करने की भी जिम्मेदारी दी गई है.
Ashok Gehlot Vasundhara Raje News: राजस्थान के दो दिग्गज नेता अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे को एक बार फिर बड़ी जिम्मेदारी मिली है. राजस्थान विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव के बाग अब दोनों नेताओं को हरियाणा इलेक्शन से पहले बड़ा जिम्मा दिया गया है.
कांग्रेस ने अशोक गहलोत को हरियाणा प्रदेश का वरिष्ठ ऑब्जवर्र बनाया है. वहीं, बीजेपी ने वसुंधरा राजे को स्टार प्रचारक बनाया है. ये दोनों नेता इस बार लोकसभा के चुनाव में राजस्थान की एक से दो सीटों पर सिमटे रहे. राजस्थान की अन्य सीटों पर इन्हें न तो पार्टी ने भेजा और न ही ये दिखे, जबकि बीते 25 साल में ऐसा कभी नहीं हुआ कि किसी भा चुनाव में इन दोनों नेताओं की बड़ी भूमिका न रही हो.
कांग्रेस ने अशोक गहलोत को फिर क्यों किया सक्रिय?
दरअसल, राजस्थान विधानसभा चुनाव के बाद से अशोक गहलोत का खेमा कमजोर होने लगा था. फिर, लोकसभा चुनाव में जालोर सीट से वैभव गहलोत की हार हुई और अशोक गहलोत गुट खुद ही कांग्रेस के कार्यक्रमों से दूर दिखने लगे. अशोक गहलोत बेड रेस्ट पर चले गए.
लगभग 100 दिन के बाद अब अशोक गहलोत सक्रिय हुए हैं. वह राजस्थान से महाराष्ट्र गए और अब उन्हें हरियाणा की जिम्मेदारी दी गई है.
अशोक गहलोत पर गुटबाजी कम करने की जिम्मेदारी
कांग्रेस के लिए राजस्थान में खेमेबाजी दूर करना बड़ी चुनौती रही है. इसलिए, अशोक गहलोत को फिर से जिम्मेदारी देकर यहां पर खेमेबाजी पर लगाम लगाने की कोशिश की जा है. क्योंकि, यहां पर सचिन पायलट, हरीश चौधरी, गोविंद सिंह डोटासरा और टीकाराम जूली के गुट बन चुके हैं. इससे आने वाले चुनाव में पार्टी पर गलत असर पड़ सकता है.
वसुंधरा राजे के जरिए संदेश देने की कोशिश
दरअसल, पिछले दिनों मदन राठौड़ को प्रदेश अध्यक्ष और ओम प्रकाश माथुर को सिक्किम का राज्यपाल बनाया गया. दोनों राजस्थान बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं. बीजेपी ने अब वसुंधरा राजे को हरियाणा में स्टार प्रचारक बनाकर एक बड़ा संदेश दिया है. सूत्रों का कहना है कि राजस्थान में बीजेपी सभी अपने वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी देने के पक्ष में है.
यहां पर वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदारी देकर बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में एक बड़ा संदेश देने की तैयारी में हैं ताकि यहां पर खेमेबाजी खत्म हो सके और नए नेताओं को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके.
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