Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनाव में अभी भले ही 8 महीने का समय हो, लेकिन यहां राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. या यूं कहें कि यहां भी राजनीति को रामायण काल में ले जाने की कोशिश तेज हो रही है. क्योंकि, अगले साल अयोध्या में रामन्दिर बनकर तैयार हो जाएगा. उससे पहले राजस्थान में लोगों को रामायण काल याद कराए जाने की पटकथा लिखी जा रही है. 


रामायण के दो बड़े महत्वपूर्ण पात्र की चर्चा यहां पर होने लगी है. हालांकि, यूपी के निकाय चुनाव में राम मंदिर या रामायण की चर्चा नहीं है, मगर यहां पर इसकी चर्चा तेज है. कल जब केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रावण कह दिया तो तुरंत मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि हां, मैं रावण हूं. तुम राम बनकर दिखाओ. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरूषोत्तम राम बनना आसान है क्या ? पहले पीड़ितों का पैसा वापस दिला दो. अचानक से राम और रावण की एंट्री से यहां हर कोई हैरान है. आखिर इसके पीछे की कहानी क्या है? आगे अभी किन-किन पात्रों की एंट्री होने वाली है.


'हनुमान' पहले से हैं यहां पर 
राजस्थान की राजनीति में जब रामायण काल की बात हो रही है तो राम, रावण के बाद हनुमान की चर्चा भी होने लगी है. हालांकि, यहां की राजनीति में पहले से ही हनुमान बेनीवाल मौजूद हैं. क्योंकि पिछले दिनों हनुमान जयंती पर उन्हें गदा भी भेंट किया गया था. उस दिन उनका क्रेज उनके लोगों में खूब देखा गया. हनुमान बेनीवाल अभी किसी दल के साथ नहीं है. अकेले ही अपनी पार्टी के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं. 


चुनाव प्रचार में मंदिर आ जाएगा
जानकारों का कहना है कि चुनाव में राम मंदिर की चर्चा खूब होने वाली है. क्योंकि, त्रिपुरा के चुनाव में गृहमंत्री अमित शाह ने राम मंदिर के बनकर तैयार होने की डेट भी बता दी थी. ऐसे में राम मंदिर की चर्चा यहां पर तेज होने वाली है. इसके लिए कांग्रेस, बीजेपी और अन्य दल भी कर रहे हैं. जल्द ही इसके परिणाम भी दिखाई देंगे. अब कौन ज्यादा भ्रष्ट है और कौन कम है इसकी भी कहानी देखने को मिल सकती है.


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