कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत यात्रा 3 दिसंबर को राजस्थान के झालावाड़ में प्रवेश करेगी. कांग्रेस के लिए यह राज्य सबसे बड़ी चुनौती है. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच खेमेबाजी चरम पर है. 


वैसे तो राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पूरी तरह से समर्पित दिखाई दे रहे हैं और अपने ट्विटर हैंडल से वो राहुल गांधी और भारत जोड़ो यात्रा की तस्वीरें शेयर कर रहे हैं. 


लेकिन मंगलवार को उन्होंने एक ऐसा वीडियो शेयर किया है जिसके बहुत दूर तक संकेत हैं. वीडियो में वो एक समर्थक से बात कर रहे हैं. जिसमें वो समर्थक कहता है, 'इधर-उधर की नहीं सुनना, फिर से मुख्यमंत्री बनना...कोई दिल्ली भेजे....दिल्ली नहीं जाना, दिल्ली आपके पास आएगी...'


 






अब इस वीडियो में अशोक गहलोत का अंदाजा भी देखा जा सकता है. उन्होंने इस वीडियो को ट्विटर हैंडल पर शेयर करते हुए लिखा है, 'चित्तौड़गढ़ के जालमपुरा निवासी 96 वर्षीय श्री नगजीराम जाट से मुलाकात हुई. श्री नगजीराम ने प्रदेश में पुनः कांग्रेस सरकार बनने का आशीर्वाद दिया. मेरी कामना है कि श्री नगजीराम शतायु हों एवं पुनः कांग्रेस सरकार बनने पर मैं फिर से आपका आशीर्वाद लेने चित्तौड़गढ़ आऊं.'


राजस्थान में हो रही खेमेबाजी से दिल्ली में भले ही कांग्रेस आलाकमान परेशान हो लेकिन सीएम अशोक गहलोत 'जादू' दिखान से पीछे नहीं हट रहे हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने पीएम मोदी की तारीफ की थी जिस पर उनके विरोधी सचिन पायलट ने उन पर कार्रवाई की मांग कर डाली थी.


राजस्थान में साल 2023 में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसको लेकर राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा से बहुत उम्मीदें हैं. पार्टी नेताओं को लगता है कि राहुल गांधी के आने से कार्यकर्ताओं में जोश बढ़ेगा. 


लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के लिए रास्ता इतना आसान भी नहीं है. राहुल गांधी की यात्रा प्रदेश के 6 जिलों की 18 विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेगी. राहुल गांधी प्रदेश दिसंबर के महीने में 20 दिन यहां गुजारने वाले हैं. 


राजस्थान प्रदेश कांग्रेस ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को उस समिति में शामिल किया है जिसकी जिम्मेदारी राहुल गांधी की यात्रा का प्रबंध देखना है. इसको समिति में 31 लोग शामिल हैं जिसकी बैठक होनी है. इसके अलावा 15 और समितियां भी बनाई गई हैं जो इस यात्रा से जुड़े कामों को देखेंगी. 


लेकिन खास बात ये है कि इस यात्रा में गहलोत खेमे के वो तीन नेता, शांति धारीवाल, महेश जोशी, धर्मेंन्द्र राठौर को किसी भी समिति में शामिल नहीं किया गया है. इन तीनों ही नेताओं को बगावत के आरोप जवाब देने के लिए कारण बताओ नोटिस भी पार्टी की ओर से जारी किया जा चुका है.


इनमें से दो नेता राजस्थान सरकार की कैबिनेट में अब भी शामिल हैं. कांग्रेस के नेता अजय माकन ने इनके खिलाफ कार्रवाई में देरी के चलते राजस्थान प्रदेश प्रभारी के पद से इस्तीफा दे दिया था.


नेताओं में आपस खेमेबाजी की चुनौतियों से जूझ रही कांग्रेस के सामने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के सामने बीजेपी के जन आक्रोश रैलियां और गुर्जर आरक्षण समिति के आंदोलन के ऐलान का भी सामना करना है.