Rajasthan Politics: कोटा संभाग में संभागीय आयुक्त और कोटा जिले में पुलिस अधीक्षक की नियुक्ति नहीं होने से एक बार फिर पूर्व मंत्री और सांगोद विधायक भरत सिंह ने अपनी ही सरकार को घेरा है. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर याद दिलाया कि दो महीने से कोटा में संभागीय आयुक्त नहीं है, जबकि एक महीने से एसपी नहीं हैं. दोनो ही अधिकारियों की सेवानिवृति हो चुकी है. पत्र में विधायक ने लिखा, 'अनुरोध है कि कृपया इन पदों पर अधिकारी नियुक्त किए जाएं.'
 
दोनों ही बड़े पदों के अधिकारी हो चुके हैं रिटायर
कोटा जैसे बड़े संभाग में ना तो संभागीय आयुक्त हैं और ना ही एसपी. दोनों ही कुर्सियां खाली पड़ी हैं और कार्यवाहक के भरोसे संभाग संभाला जा रहा है. इसके साथ ही निगम आयुक्त का पद भी रिक्त है. ऐसे में लोगों के काम तो अटक ही रहे हैं, पुलिस के साथ प्रशासन का काम भी राम भरोसे ही चल रहा है. ऐसे में अब कोटा में अधिकारी लगाए जाने की मांग पुरजोर तरह से उठने लगी है.  
 
कार्यवाहक के रूप में संभाली जा रही जिम्मेदारी
गौरतलब है कि कोटा के संभागीय आयुक्त दीपक नंदी 30 नवंबर को सेवानिवृत हुए थे, जबकि 31 दिसंबर को शहर पुलिस अधीक्षक केसर सिंह शेखावत का रिटायरमेंट था. उसके बाद से ये दोनों ही प्रमुख पद रिक्त चल रहे हैं और कार्यवाहक के रूप में जिम्मेदारी संभाली जा रही है. अतिरिक्त संभागीय आयुक्त की जिम्मेदारी राजपाल सिंह के पास है. वहीं, संभागीय आयुक्त का चार्ज संभाल रहे हैं, जबकि अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवीण जैन कार्यवाहक एसपी की भूमिका निभा रहे हैं. 


इसके साथ ही कोटा नगर निगम का मुख्य पद निगम आयुक्त भी नहीं है. कोटा दक्षिण निगम में आयुक्त राजपाल सिंह को अतिरिक्त संभागीय आयुक्त बना दिया गया है. इसलिए अब निगम कोटा दक्षिण के आयुक्त का पद भी लम्बे समय से रिक्त चल रहा है. यहां भी लोगों के काम अटक रहे हैं. यहां आए दिन वीआईपी विजिट होती है. ऐसे में एसपी और संभागीय आयुक्त का नहीं होना कहीं ना कहीं समस्या खड़ी कर सकता है.


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