Rajasthan Politics: वीरांगनाओं के धरने और जाट महाकुंभ से दबाव में हैं अशोक गहलोत सरकार? बदल रहा है सियासी हवा का रुख
Rajasthan News: बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा इन वीरांगनाओं के साथ पिछले छह दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं. सीएम आवास जा रहीं इन वीरांगनाओं से पुलिस ने बदसलूकी की है.
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Jaipur News: राजस्थान में एक बार फिर सियासी हवा बदल सी गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) की सरकार पर दबाव बनता दिख रहा है. कल जाट महाकुंभ में कई नेताओं ने सरकार पर इशारों-इशारों में ही हमला बोल दिया. वहीं पिछले सात दिनों से धरना दे रही वीरांगनाओं ने पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मुलाकात की. पायलट ने कल पुलिस द्वारा हुई बदसलूकी पर बयान दिया. उन्होंने कह दिया है कि अधिकारी जिम्मेदार हैं, उनपर सरकार को कार्रवाई करनी होगी.उन्होंने कहा वीरांगनाओं के साथ ठीक नहीं हुआ है.उनकी मांग पूरी करने में थोड़ा समय लगे ठीक है,लेकिन उनके साथ जो व्यवहार पुलिसवालों ने किया है वो ठीक नहीं है.इससे अलग-अलग संदेश जा रहे हैं,जाट महाकुंभ में सरकार पर हमला बोला गया है.
वीरांगनाओं की सचिन के घर कौन ले गया
बीजेपी के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा इन वीरांगनाओं के साथ पिछले छह दिनों से जयपुर के शहीद स्मारक पर धरने पर बैठे हैं.लेकिन राज्यपाल से मिलने के बाद जब वे मुख्यमंत्री आवास की तरफ जा रही थीं तो उसी दौरान पुलिस ने उनके साथ बदसलूकी की. इस घटना के बाद सोमवार को राजस्थान पुलिस ने उस मसले पर सफाई भी दी है.इसके बाद भी मामला बिगड़ता गया.आज सचिन पायलट के यहां होली मिलन समारोह हो रहा था. उसी समय वीरांगनाएं पायलट के सिविल लाइन स्थित सरकारी आवास पर पहुंच गईं.वीरांगनाओं ने पायलट से मुलाकात की.उनकी बातें सुनने के बाद पायलट ने बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की.अब इसके बाद से एक नया सियासी माहौल तैयार हो गया. वीरांगनाओं के साथ बीजेपी के राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा मोर्चे पर डटे हैं.
वीरांगनाओं के साथ बदसलूकी करने वाले पुलिस कर्मियों और अधिकारियों पर कार्रवाई करनी पड़ेगी : सचिन पायलट@SachinPilot pic.twitter.com/BetgFVhynI
— Santosh kumar Pandey (@PandeyKumar313) March 6, 2023
जाट महाकुंभ के मंच से सरकार पर हमला
जयपुर में 23 साल बाद जाट महाकुम्भ का आयोजन हुआ.जाट नेताओं को सालों बाद एक मंच पर आने का अवसर मिला. यहां से अशोक गहलोत सरकार के मंत्री हेमाराम चौधरी ने अपनी ही सरकार पर हमला बोल दिया. चौधरी ने यहां तक कह दिया, ''हम मंत्री हैं, लेकिन हमारे पास ताकत तक नहीं है.हम कैसे काम कराएं.'' इस तरह उन्होंने अपने समाज के लोगों के सामने अपनी ही सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया.
एक दूसरे जाट नेता राजराम मील ने कहा कि पहले हमारे समाज के पास मजबूत नेता थे. ताकत सरकारों के पास हैं.वो हमारे नेताओं को मजबूत नहीं होने दे रहे.उन्होंने कहा कि सरकारों ने हमारे नेताओं को कमजोर किया इसलिए जाट महासभा का आयोजन करना पड़ा.उन्होंने कहा कि सरकारें हमें कमजोर आंकने लगीं हैं.इसलिए सभी नेताओं को एक मंच पर लाने का काम किया गया.अब हमारी ताकत को देखनी पड़ेगी. इसमें आरक्षण को 21 प्रतिशत से 27 प्रतिशत करने की मांग की गई.
बदल रहा है सियासी हवा का रुख
राजस्थान में बजट पेश करने के बाद अशोक गहलोत की सरकार एक तरह से राहत की सांस ले रही थी, लेकिन वीरांगनाओं के धरने और जाट महाकुंभ के आयोजन से अब हवा का रुख बदलने लगा है.इन दोनों बातें से सरकार दबाव में है.
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