Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बाकी हैं. राजनीतिक पार्टियां चुनाव के अलर्ट मोड में आ चुकी हैं. कांग्रेस सत्ता में वापसी का दावा कर रही है, वहीं विपक्ष सत्ता पाने का दावा कर रहा है. इस बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के मंत्रिमंडल के वन मंत्री हेमाराम चौधरी (Hemaram Chaudhary) ने विधानसभा चुनाव से पहले विधानसभा 2023 में चुनाव नहीं लड़ने का दावा करके सभी को चौका दिया है. उनके इस दावे के साथ ही प्रदेश की सियासत भी गर्माने लगी है.


कहां से विधायक हैं हेमाराम चौधरी


हेमाराम भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं. वो गुडामालानी विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं. हेमाराम चौधरी राजस्थान की वर्तमान अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं.टोंक विधायक सचिन पायलट के काफी करीबी हैं. 2023 की विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने के फैसले को लेकर एबीपी न्यूज़ ने वन मंत्री हेमाराम चौधरी से बात की तो उन्होंने बताया कि फिलहाल 2023 में चुनाव नहीं लड़ने का मानस है, आगे जो भी स्थिति होगी, वह उस पर निर्भर करेगा. उन्होंने कहा कि 2013 व 2018 में भी चुनाव लड़ने का मानस नहीं था, लेकिन अपनों व पार्टी के दबाव के कारण चुनाव लड़ना पड़ा. लेकिन अब मैंने मानस बना लिया है कि 2023 विधानसभा का चुनाव मैं नहीं लडूंगा. 


चुनाव न लड़ने के कारणों के सवाल पर वन मंत्री हेमाराम चौधरी ने कहा कि फिलहाल मैंने 2023 के विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का मानस बना लिया है. कारण तो एक नहीं है कारण तो कई सारे हैं.उसमें एक कारण उम्र का भी है. सभी कारण समय आने पर में मीडिया के सामने रखूंगा.मैंने फिलहाल मानस मना लिया है,मैं आगामी विधानसभा नहीं लड़ूंगा.


अशोक गहलोत के खिलाफ की थी बगावत


चौधरी 2020 में बगावत के दौरान सचिन पायलट के साथ मानेसर गए थे.अभी पिछले दिनों सचिन पायलट ने एक बार फिर अपनी ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए हैं.भ्रष्टाचारियो पर कार्यवाही नहीं करने का आरोप लगाते हुए घेरा.सरकार के द्वारा कार्रवाई नहीं होने के चलते सचिन पायलट अनशन पर बैठ गए थे.इन सब घटनाओं के बाद राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आलाकमान सचिन पायलट से खफा है.जिसके चलते पायलट गुट के लोगो को विधानसभा चुनाव में तवज्जो नहीं मिलने की आशंका के चलते इस तरह के बयान दे रहे हैं.


आपको बता दें कि 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान हेमाराम चौधरी ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा कर दी थी. लेकिन सचिन पायलट ने हेमाराम चौधरी से मुलाकात कर उन्हें विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए राजी किया था. इसके बाद 2018 में उन्होंने गुडामालानी से विधानसभा चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी.


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