Rajasthan Elections: सीएम गहलोत कर रहे 'सामाजिक सुरक्षा पेंशन' देने की तैयारी, ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य होगा राजस्थान
Rajasthan Elections 2023: राजस्थान में सामाजिक सुरक्षा के तहत एक हजार रुपय मिलेंगे. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना लगभग 97% राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है. 21 जुलाई को बिल विधानसभा में पेश होगा.
Rajasthan Social Security Pension: चुनावी साल में सरकार हर किसी को कुछ न कुछ देना चाह रही है. अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन देने की बात कह दी है. इसके लिए विधिवत कानून बनाया जाएगा. दरअसल, 10 फरवरी 2023 को बजट पेश करते हुए मिनिमम इनकम गारंटी एक्ट (Entitlement Based Social Security) लाने की घोषणा की थी. अब सदन में एक्ट को लाया जा रहा है, जिसमें बताया जा रहा है कि राजस्थान मिनिमम इनकम गारंटी बिल के द्वारा कानून बनाकर महात्मा गांधी मिनिमम इनकम गारंटी योजना लागू करने का प्रावधान किया गया.
इस योजना के तहत प्रदेश के सभी परिवारों को प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 125 दिन रोजगार की गारंटी दी गई है. यानी ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले सभी परिवार मनरेगा के तहत 125 दिन एवं शहरी क्षेत्रों में रहने वाले सभी परिवार इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के तहत 125 दिन का रोजगार पाने के पात्र होंगे.
इनके लिए थोड़ा अलग होगा नियम
कथौड़ी, सहरिया जनजाति एवं विशेष योग्यजनों के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 200 दिन का रोजगार मिलेगा. काम मांगने वाले दिव्यांग/बुजुर्ग/विधवा होने की स्थिति में न्यूनतम 1000 रुपये सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जाएगी. इस पेंशन में प्रतिवर्ष 15% की बढ़ोत्तरी की जाएगी. 21 जुलाई को ये बिल राजस्थान विधानसभा में पेश होगा. सामाजिक सुरक्षा के लिए ऐसा कानून बनाने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्र लिखकर एवं कैबिनेट से प्रस्ताव पास कर प्रधानमंत्री से देशभर में 'राइट टू सोशल सिक्योरिटी' लागू करने की मांग कर चुके हैं.
राज्य सरकार का पूरा हिस्सा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री टीकाराम जूली ने विधानसभा में बताया कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना लगभग 97% राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की घोषणा के अनुसार अब सामाजिक सुरक्षा पेंशन में कम से कम 1000 रुपये दिये जाएंगे. इस निर्णय के बाद केंद्र सरकार का अंशदान लगभग एक प्रतिशत ही रह जाएगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में राज्य सरकार सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना पर करीब 11 हजार 500 करोड़ रुपये जबकि केंद्र सरकार करीब 367 करोड़ रुपये ही खर्च कर रही है. जूली ने बताया कि फर्जी पेंशन भुगतान रोकने के लिये विभाग द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं.
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