Ashok Gehlot ON Lokesh Sharma Allegations: जोधपुर अपने ओएसडी लोकेश शर्मा के आरोपों पर राजस्थान के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा, "मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या खुलासे किए हैं, मैं ऐसी बातों में नहीं पड़ता. देश में जो माहौल है ऐसा है कि कौन कब पार्टी छोड़ेगा और बीजेपी में शामिल हो जाएगा, इसलिए किसी को इसकी चिंता नहीं करनी चाहिए कि कौन क्या कहता है, बल्कि यह देखें कि सच्चाई क्या है”


पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तत्कालीन विशेषाधिकारी (ओएसडी) और कांग्रेस नेता लोकेश शर्मा ने बुधवार को दावा किया था कि पार्टी की पिछली सरकार को गिराने की साजिश के संबंध में गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उन्हें मीडिया में प्रसारित करने के लिए एक पेन ड्राइव में दिए थे.






लोकेश ने इस मुद्दे को लेकर यहां पत्रकारों से बात की और कथित पेन ड्राइव और लैपटॉप दिखाया. उन्होंने दावा किया कि गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थी. लोकेश के अनुसार इन क्लिप को लैपटॉप के जरिए अपने मोबाइल फोन में डाला और मीडिया में प्रसारित किया. जालोर लोकसभा सीट पर अपने बेटे वैभव गहलोत के लिए प्रचार कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से टिप्पणी के लिए तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका. 


लोकेश ने मीडिया को पेन ड्राइव दिखाते हुए किया दावा


लोकेश ने मीडिया को पेन ड्राइव दिखाते हुए दावा किया,“मुझे सोशल मीडिया से ऑडियो क्लिप नहीं मिली. तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पेन ड्राइव के माध्यम से मुझे ये सभी ऑडियो क्लिप दिए थे और इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा था. मैंने उनके निर्देशों का पालन किया.'' 


अब तक लोकेश यह कहते रहे हैं कि उन्हें ये कथित क्लिप सोशल मीडिया के जरिए मिली थी, जिसे उन्होंने आगे मीडिया को भेज दिया था. अब उन्होंने क्लिप उपलब्ध कराने के लिए सीधे तौर पर गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है. दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च 2021 को लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी तरीके से बातचीत को रिकॉर्ड करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी.


लोकेश ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. अदालत ने तीन जून 2021 को शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी जो अभी जारी है. लोकेश पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं. लोकेश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गहलोत के निर्देशों का पालन करना अपना कर्तव्य समझा और अपराध शाखा द्वारा पूछताछ के बावजूद ऑडियो क्लिप के स्रोत का खुलासा नहीं किया. 


उन्होंने कहा कि जब उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था तो उन्हें गहलोत ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया और मामले और पूछताछ के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. 


उन्होंने कहा, “16 जुलाई 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल फेयरमोंट आए जहां राजनीतिक संकट के बाद उनके खेमे के कांग्रेस विधायक ठहरे हुए थे. वह शाम करीब चार बजे होटल से निकले. बाद में मुझे गहलोत के पीएसओ रामनिवास का फोन आया कि गहलोत मुझे मुख्यमंत्री आवास पर बुला रहे हैं.' 


शर्मा ने दावा किया, ”जब मैं मुख्यमंत्री आवास पहुंचा, तो गहलोत ने मुझे यह पेन ड्राइव दी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थे और एक कागज दिया जिसमें ऑडियो क्लिप की प्रतिलिपि थी. उन्होंने मुझसे इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा.”उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से वह अपने घर गए और ऑडियो क्लिप को अपने लैपटॉप में और लैपटॉप से अपने मोबाइल फोन में डाला और फिर मीडिया में प्रसारित कर दिया. 


शर्मा ने पेन ड्राइव और लैपटॉप भी दिखाया. फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सामने आया जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में थी. तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले पार्टी के 18 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी जिस दौरान गजेंद्र सिंह और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे.


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