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New Criminal Laws: नए क्रिमिनल लॉ की दोबारा समीक्षा की मांग, अशोक गहलोत बोले- 'ये कानून पुलीसिया राज्य बना देंगे'
New Criminal Law In India: आज से देश में आईपीसी और सीपीआरपीसी कानून की जगह तीन नए क्रिमिनल कानून लागू हो रहे हैं. जिसपर अशोक गहलोत ने कहा कि भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है.
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Ashok Gehlot on New Criminal Laws: राजस्थान समेत पूरे देश में आज 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो रहे हैं. वहीं, आईपीसी और सीपीआरपीसी के कानून की आज से छुट्टी हो जाएगी. नए कानून के लागू होने से किसी भी क्राइम की एफआईआर किसी भी थाने में दर्ज की जा सकेगी. इसी बीच राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की भी प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि IPC, CrPC एवं एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है.
पूर्व सीएम ने आगे लिखा कि इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं. इन कानूनों को नए सांसदों द्वारा बनने वाली समिति को व्यापक समीक्षा के लिए भेजकर सभी हितधारकों की राय ली जानी चाहिए.
IPC, CrPC एवं एविडेंस एक्ट की जगह पर 1 जुलाई से लागू हो रहे भारतीय न्याय संहिता को व्यापक रिव्यू की आवश्यकता है। इस संहिता में बनाए गए कानून देश को एक पुलिसिया राज्य (पुलिस स्टेट) बनाने जैसे हैं। इन कानूनों को नए सांसदों द्वारा बनने वाली समिति को व्यापक समीक्षा के लिए भेजकर सभी…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) June 30, 2024
ये कानून आज से हो रहे हैं लागू
देश में आज से जो तीन नए क्रिमिनल कानून लागू हो रहे हैं वो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS), भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA) है. बता दें कि ये तीनों कानून साल 2023 में संसद के मानसून सत्र के दौरान पेश किए गए थे. जो देश में आज से लागू हो जाएंगे. 163 साल से चले आ रहे आईपीसी कानून की जगह आज से नया कानून भारतीय न्याय संहिता ले लेगा. जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद जैसे खतरनाक अपराधों में सजा को और सख्त किया जाएगा.
आज से होंगे ये बदलाव
• यौन उत्पीड़न के मामलों में सात दिन के अंदर रिपोर्ट जमा करानी होगी.
• ऑनलाइन शिकायत दर्ज होने के 3 दिन के अंदर एफआईआर दर्ज होगी या कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
• एफआईआर से लेकर कोर्ट के फैसले की सुनवाई पूरी तरह से ऑनलाइन होगी.
• कोर्ट में पहली सुनवाई से पहले 60 दिनों के अंदर आरोप तय करने का प्रावधान होगा.
• भगोड़े अपराधियों पर 90 दिनों के अंदर केस दायर करने का प्रावधान होगा.
• आपराधिक मामलों में सुनवाई पूरी होने के 45 दिनों के अंदर फैसला करना होगा.
• 7 साल से ज्यादा सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच करवानी जरूरी हो जाएगी.
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