Ashok Gehlot on Parliament Special Session: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गुरुवार (7 सितंबर) को बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दलों का गठबंधन बनने से वे इतना घबरा गए हैं कि उनकी बोली बदल गई है और अब वे ‘इंडिया-भारत’ के नाम पर नया विवाद खड़ा कर रहे हैं. साथ ही, सीएम ने केंद्र सरकार द्वारा बिना एजेंडा घोषित किए संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने को 'खतरनाक' करार दिया है.
विपक्षी दलों के नए गठबंधन I.N.D.I.A (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इनक्लूसिव एलांयस) का जिक्र करते हुए अशोक गहलोत ने भीलवाड़ा में कहा, 'जब से विपक्षी पार्टियों का गठबंधन 'इंडिया' बना है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बोली बदल गई है. भाषणों में गृहमंत्री की बोली बदल गई है. केन्द्रीय मंत्रियों और नेताओं का जो बोलने का तरीका है, उनका बॉडी लेंगवेज बदल गया है.'
'पूछने पर भी नहीं बता रहे विशेष सत्र का एजेंडा'
सीएम गहलोत ने कहा, 'खाली गठबंधन बनाने मात्र से मान लीजिये बॉडी लैंग्वेज बदल गया है. आप समझ सकते हैं कि वे कितने घबरा गए हैं.' उन्होंने आरोप लगाया, 'अब वे इंडिया/भारत के नाम पर नए विवाद पैदा कर रहे हैं.' सीएम गहलोत ने कहा कि यह खतरनाक बात है कि केंद्र सरकार ने संसद सत्र बुलाया है, लेकिन उसका एजेंडा पता नहीं है. संसद का अधिवेशन बुला लिया कोई दिक्कत नहीं है. सोनिया गांधी कह रही हैं कि यह तो बताओ आपने किसी को पूछा नहीं, अधिवेशन बुला लिया. साथ में एजेंडा क्या किसी को बता नहीं रहे हैं, बहुत खतरनाक बात है.
अशोक गहलोत ने कहा, 'आप अगर यह बताएंगे नहीं कि एजेंडा क्या है, ऐसे में आपकी मंशा क्या है?' अशोक गहलोत का कहना है कि बीजेपी देश में खतरनाक खेल खेल रही है, लोकतंत्र खतरे में है और संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं. उन्होंने कहा कि इन हालात को लेकर पूरे देश का बुद्धिजीवी, पत्रकार, साहित्यकार, लेखक अधिकांश लोग चिंतित हैं.
'ऐसा खतरनाक खेल कभी नहीं देखा'
अशोक गहलोत ने कहा, 'आप अगर अपनी बात कह दो तो आप देशद्रोही हो, क्या हो रहा है देश के अंदर. ईडी, आयकर, सीबीआई राज कर रही हैं. न्यायपालिका पर दबाव है. ऐसा खतरनाक खेल मैंने कभी नहीं देखा. पूरा देश चिंतित है. अगर देश को बचाना है तो सबको आगे आना पड़ेगा.' सीएम गहलोत ने दावा किया कि जी-20 के भोज के निमंत्रण पर 'प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया' को बदलकर 'प्रेसिडेंट ऑफ भारत' कर दिया गया. वे 'राष्ट्रपति ऑफ हिंदुस्तान' लिख सकते थे. वे कुछ भी कर सकते हैं. वे देश में बहुत खतरनाक खेल खेल रहे हैं.
कांग्रेस द्वारा केंद्र में सत्तारूढ़ होने के समय बार 'तानाशाही' किए जाने के आरोपों पर सीएम गहलोत ने कहा, 'कभी नहीं हुआ. इमरजेंसी लगी थी. एक कॉन्शियस फैसला हुआ था. सोच समझ कर इंदिरा जी ने फैसला किया.' सीएम गहलोत ने कहा, 'केंद्र में राजग की सरकार बनने के एक साल बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा था कि देश में अघोषित आपातकाल का माहौल है. बाद में वो पीछे हट गए यह अलग बात है. आरएसएस के दबाव में पीछे हट गए. उनका खुद का (आडवाणी) का जो बयान आया था वो खतरनाक था एक संकेत था वो ही आप नौ साल से देख रहे हो.'
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