Ashok Gehlot on Women Reservation Bill: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने मंगलवार को नए संसद भवन में महिला आरक्षण बिल पेश किया, जिसको लेकर राजनीति तेज हो गई. कांग्रेस नेता लगातार यही कह रहे हैं कि बिल उनकी सरकार के दौरान आया था, जिसे विरोध के बाद रोक दिया गया था. अब बीजेपी सरकार आम चुनाव से पहले रणनीति के तहत इसे पेश कर रही है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी कुछ ऐसा ही कहा. सीएम गहलोत का कहना है कि जबसे INDIA गठबंधन बना है तबसे केंद्र सरकार बौखला गई है. 


अशोक गहलोत ने आगे कहा, 'मोदी सरकार के ये तमाम फैसले दिखाते हैं कि अब बीजेपी को हार का डल सताने लगा है. महिला आरक्षण का फैसला हमारे सरकार के रहते हुए आया था, लेकिन अब बीजेपी इसे पेश कर अपनी वाहवाही कराना चाह रही है.' अशोक गहलोत का कहना है कि जबसे INDIA गठबंधन बना है, तबसे वे (केंद्र सरकार) एक संदेश फैलाने के लिए निर्णय ले रहे हैं. यह बिल 9 साल पहले पारित कर सकते थे, उनके पास बहुमत था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. जनता अब इनको समझ चुकी है.


सचिन पायलट ने भी केंद्र सरकार को घेरा
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी सरकार की मंशा पर शंका व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार बिल लेकर तो आ गई, लेकिन 6-7 साल के बाद लागू करने की बात हो रही है. अगर मंशा सही होती तो विशेष सत्र के दौरान सभी मौजूद थे, बात करके इसे तुरंत लागू किया जा सकता था. ऐसे में कहीं न कहीं सरकार की मंशा और नीयत में कुछ फर्क दिखता है. 


नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने भी यही सवाल किया कि 2014 से एनडीए की सरकार है, इन्हें (केंद्र सरकार को) 9 साल बाद महिला आरक्षण विधेयक की याद क्यों आ रही है?


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