Rajasthan News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित पार्टी के अनेक नेताओं ने विधायक मुकेश भाकर को विधानसभा से निलंबित किए जाने की आलोचना की है. अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ ‘अलोकतांत्रिक व पक्षपातपूर्ण’ व्यवहार किया जा रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.
सरकारी वकीलों की नियुक्ति से जुड़े एक मुद्दे को लेकर हुए हंगामे व नारेबाजी के बीच विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मुकेश भाकर को सदन से निलंबित करने की घोषणा की. बाद में भाकर को सदन से निकालने के लिए आए मार्शलों व कांग्रेस विधायकों में धक्का मुक्की हुई.
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए गहलोत ने ‘एक्स’ पर लिखा, “पहले विधानसभा में कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन और जबरन निष्कासन फिर मार्शलों द्वारा वरिष्ठ विधायक हरिमोहन शर्मा को जमीन पर गिराना व विधायक अनिता जाटव से बदसलूकी कर उनकी चूड़ियां तक तोड़ देने की मैं कड़े शब्दों में निंदा करता हूं.”
उन्होंने लिखा, “यह राज्य की बीजेपी सरकार की तानाशाही सोच का नतीजा है जिसके कारण चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ ऐसा दुर्व्यवहार किया गया. विधानसभा में प्रतिपक्ष के विधायकों के साथ जिस प्रकार का अलोकतांत्रिक व पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जा रहा है, वह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है.”
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने 'एक्स' पर लिखा, “बीजेपी सरकार सदन की गरिमा खत्म करने पर तुली है. विधानसभा में कांग्रेस की महिला विधायक अनीता जाटव एवं हरिमोहन शर्मा समेत अनेक सदस्यों के साथ अभद्रता और दुर्व्यवहार अत्यंत निंदनीय है.”
उन्होंने कहा, “सदन की कार्यवाही से कांग्रेस विधायक मुकेश भाकर का निलंबन इनकी तानाशाही का नमूना है. सत्ता के घमंड में चूर बीजेपी सरकार सदन में जनता के मुद्दों पर जवाब देने की जगह विपक्ष की आवाज़ को कुचलने का कुप्रयास कर रही है.”
कांग्रेस नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी इस प्रकरण पर प्रतिक्रिया जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ''विधायक मुकेश भाकर का निलंबन तानाशाही को प्रमाणित करता है. इसके साथ ही हरिमोहन शर्मा एवं अनिता जाटव के साथ भी अमर्यादित व्यवहार किया गया जो लोकतांत्रिक मूल्यों को आहत करने वाला है''.
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