Ashok Gehlot on Bharat Ratna Rules: केंद्र सरकार ने इस साल पांच शख्सियत को भारत रत्न (Bharat Ratna) देने का एलान किया है. इनमें से चार को मरणोपरान्त दिया जा रहा है. केंद्र ने बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर, पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव, पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह, कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामिनाथन और पूर्व डिप्टी पीएम लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का फैसला किया है. राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने इस फैसले का स्वागत तो किया साथ ही   केंद्र की बीजेपी सरकार पर नियमों को तोड़ने का भी आरोप लगाया.


अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, ''भारत सरकार द्वारा 5 विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का स्वागत करते हैं. इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है एवं देश के लिए इनका योगदान अतुलनीय है. हालांकि ऐसा लगता है कि एक वर्ष में अधिकतम 3 भारत रत्न देने के नियम को तोड़कर आनन-फानन में भारत रत्न देकर इस सम्मान का चुनावीकरण एवं राजनीतिकरण किया गया है एवं सम्मान की गरिमा कम की गयी है. मुझे नहीं लगता है कि इन निर्णयों से एन.डी.ए.को बहुत बड़ा लाभ मिल सकेगा.''






'...वरना यह सिर्फ चुनावी लाभ के लिए लगेगा' - गहलोत
पूर्व सीएम गहलोत ने कहा कि केंद्र सरकार को उन विभूतियों के कार्यों को आगे बढ़ाने का काम करना चाहिए. गहलोत ने कहा, ''यदि एनडीए सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो श्री कर्पूरी ठाकुर द्वारा पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाए, चौधरी चरण सिंह एवं एम एस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए एवं पीवी नरसिम्हा राव द्वारा बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाए जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है और एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी द्वारा जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करे. अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं.''


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