Udaipur News: अयोध्या में बहुप्रतीक्षित रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के शुभ बेला पर पर्यटन नगरी उदयपुर को भी एक बड़ी सौगात मिली. इस सौगात का असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उद्घाटन किया. इस सौगात के साथ उदयपुर प्रदेश का एक मात्र स्थान है जहां पर्यटकों के आगमन पर ये विशेष सुविधा मिलेगी. इसके जरिये अब जमीन के अलावा हवा में तैरते हुए पर्यटक उदयपुर की प्राकृतिक सौंदर्यता और मनमोहक झीलों को निहार सकेंगे.


उदयपुर पहुंचे असम के राज्याप गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि प्रकृति ने मेवाड़ को दो-दो हाथों से सौगातें दी है, तो हमारे पूर्वजों ने गौरवशाली इतिहास दिया है. उन्होंने कहा कि नीमच माता मंदिर जन आस्था का केंद्र है. ऊंचाई पर होने से दर्शनार्थी और पर्यटक आसानी से नहीं पहुंच पाते थे, खास कर बुजुर्गों को बहुत अधिक परेशानी उठानी पड़ रही थी, लेकिन अब वे भी अपनी आराध्य देवी के दर्शन आसानी से कर पाएंगे. दरअसल, यहां पर नीमच माता मंदिर तक पहुंचने के लिए रोप-वे बनाया जा रहा है. 


मंदिर तक पहुंचने के लिए बन रहा रोप-वे
जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि साल 2016 में रोप-वे बनाने के लिए कार्य योजना बनाई गई थी. साल 2018 में यूआईटी और दामोदर रोपवेज एण्ड इफा लिमिटेड के बीच मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (MOU) हुआ. अप्रैल 2022 में इसका कार्य प्रारंभ हुआ. तकरीबन 13.5 करोड़ की लागत से तैयार इस रोप-वे की क्षैतिज लंबाई 429.419 मीटर है. इस परियोजना के कार्य का दारोमदार रोप वे इंफ्रा लिमिटेड के द्वारा 25 साल की अवधि के संचालित किया जाएगा. इस परिजोजना से उदयपुर विकास प्राधिकरम को शुरुआती सालों में 90 लाख रुपये की आय होगी, इसके बाद प्रति वर्ष इस आय में पांच फीसदी की वृद्धि होगी. 


तीन मिनट में पहुंच सकेंगे नीमच माता मंदिर
रोप-वे में लॉअर टर्मिनल, 4 टॉवर और अपर टर्मिनल का निर्माण किया गया है. नीमच माता मंदिर स्थल तक रोप-वे से सफर तीन मिनट में पूरा किया जायेगा और रोप-वे से मंदिर स्थल तक जाने और दोबारा उतरते वक्त रोप-वे के मध्य में एक मिनट का ठहराव रखा गया है. इससे पहले ये सुविधा उदयपुर की पिछोला झील के पास वाली पहाड़ी पर स्थित करणी माता मंदिर पर बनाई गई है. इस मंदिर के दर्शन के लिए भक्त रोप-वे का इस्तेमाल करते हैं. उदयपुर में अब दो जगहों पर रोप-वे सुविधा मिलेगी, इस मामले में उदयपुर राजस्थान का पहला शहर है, जहाों दो जगह पर रोप-वे की सुविधा मिलेगी. 


सात पाकिस्तानी नागरिकों को मिली नागरिकता
इस कार्यक्रम के दौरान असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने सात पूर्व पाकिस्तानी नागरिकों को भारतीय नागरिकता के प्रमाण पत्र भी वितरित किए. जिला कलक्टर अरविंद पोसवाल ने बताया कि पूर्व में पाकिस्तान में निवासरत थे, लेकिन लंबे समय से भारत में रह रहे हैं. उन्होंने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था. सभी प्रक्रिया पूरी होने के बाद भारत सरकार ने उन्हें नागरिकता प्रदान की.


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