Assam New Governor: बीजेपी के वरिष्ठ नेता और अपने बयानों के लिए हमेशा पहचाने जाने वाले गुलाब चंद कटारिया को असम का राज्यपाल बनाया गया है. कटारिया के वर्तमान पद की बात करें तो वह उदयपुर शहर से विधायक हैं और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष है. कटारिया मेवाड़ की 28 सीटों पर कद्दावर नेता कहे जाते हैं और अपनी ही पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विरोधी माने जाते हैं.

 

गुलाब चंद कटारिया मेवाड़ के ही कद्दावर नेता नंदलाल मीणा और रणधीर सिंह भिंडर के विरोधी हैं और यह दोनों वसुंधरा राजे के करीबी माने जाते हैं. इनका राजनीति की दुनिया में लंबा सफर रहा है.

ऐसे रखा राजनीति में कदम



गुलाबचंद कटारिया का जन्म 13 अक्टूबर 1947 को हुआ. पत्नी अनिता कटारिया हैं और इनकी 5 पुत्रियां है. कटारिया गणित के शिक्षक थे और कहा जाता है कि शहर के आहाड़ क्षेत्र में उनका खुद का स्कूल हुआ करता था जहां वह गणित विषय पढ़ाते थे और वे आरएसएस से भी जुड़े रहे. राजनीति में धीरे-धीरे कार्यकर्ता के रूप में कदम रखा और इसके बाद पहली बार 1977 में गुलाब चंद कटारिया ने 6वीं राजस्थान विधानसभा के लिए उदयपुर विधानसभा क्षेत्र से नामांकन भरा और जीत भी हासिल की. खास बात यह है कि वे यहां से लगातार जीतते आ रहे है. 1977 के बाद1980 में हुए 7वीं राजस्थान विधानसभा के चुनाव भी गुलाब चंद ने जीत दर्ज की और दूसरी बार विधानसभा सदस्य बने.

शिक्षा मंत्री के पद पर भी रहे कार्यरत 


इसी दौरान वे 1980 से 1981 तक राजस्थान विधानसभा के प्राक्कलन समिति के सदस्य भी रहे. 1981 से 1985 तक विधायक रहते हुए राजस्थान विधानसभा में प्राक्कलन समिति सदस्य भी रहे. 1989 में गुलाब चंद कटारिया 9वीं लोकसभा के लिए उदयपुर से ही चुने गए और लोकसभा की लोक लेखा समिति के सदस्य भी बनाए गए. इसी के साथ वे लोकसभा की कृषि संबंधी समिति के सदस्य भी रहे. 1993 में गुलाब चंद 10वीं राजस्थान विधानसभा में उदयपुर से निर्वाचित होकर गए और उनका राजनीतिक कद काफी बढ़ गया. 1993 को उन्हें राजस्थान सरकार में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बनाया गया. वे इस पद पर 30 नवम्बर 1998 तक रहे.

राजस्थान सरकार में संभाला गृहमंत्री का पद



साल 1998 में गुलाब चंद 11वीं राजस्थान विधानसभा में फिर से चुन कर आए. कांग्रेस सरकार विपक्ष के विधायक रहते हुए वर्ष 1999 से 2000 तक लोक लेखा समिति और विधानसभा के अध्यक्ष भी रहे. 1999 से 2000 तक विधानसभा सदन समिति सदस्य भी रहे. 2003 में गुलाब चंद कटारिया 12वीं राजस्थान विधानसभा में उदयपुर से विजयी होकर विधान सभा पहुंचे. इस बार राजस्थान में बीजेपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी और वसुंधरा राजे सरकार में गुलाब चंद को लोक निर्माण विभाग और गृह मंत्री बनाया गया. वे राजस्थान सरकार में गृह मंत्रीे के पद पर 2008 तक रहे. 2008 में गुलाब चंद कटारिया फिर से विजयी होकर 13वीं राजस्थान विधानसभा के सदस्य बने. इस बार राजस्थान में कांग्रेस की सरकार बनी. इस दौरान वे विपक्ष के नेता भी रहे.

 

वर्ष 2013 में गुलाब चंद कटारिया 7वीं बार उदयपुर से विधायक बने और 14वीं राजस्थान विधानसभा में पहुंचे. इस बार राजस्थान में बीजेपी की जीत हुई और 2013 में उन्हें राजस्थान सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया. पिछले विधानसभा में भी उन्होंने 9वीं बार जीत दर्ज की और विधानसभा नेता प्रतिपक्ष बने और अब वे असम के राज्यपाल बनाए गए हैं.