Rajasthan: जब उदयपुर की सड़कों पर निकल पड़े थे अटल बिहारी वाजपेयी और EC में हुई थी शिकायत, फिर क्या हुआ?
Atal Bihari Vajpayee Story: लगभग 43 साल पहले की यह घटना है. लोग अचानक पूर्व पीएम को अपने मध्य पाकर हतप्रभ रह गए. उस समय निर्वाचन आयोग ने पूर्व पीएम वाजपेयी के पक्ष में फैसला सुनाया था.
Rajasthan News: राजस्थान में इसी साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव को जीतने के लिए राजनीतिक पार्टियां कई हथकंडे अपनाती है. इसमें प्रमुख रहता है अपनी ही पार्टी के पूर्व दिग्गज नेताओं के दिये संबोधन को बारे में बताना. यह बताया जाता है कि उन्होंने किस तरह से देश के लिए काम किया, जैसे कांग्रेस में इंदिरा गांधी (Indira Gandhi), राजीव गांधी (Rajiv Gandhi) और बीजेपी के श्याम प्रसाद मुखर्जी (Syama Prasad Mukherjee), पंडित दिन दयाल उपाध्याय (Deendayal Upadhyaya) या अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee). अपने संबोधन में नेता कई किस्से भी बताते हैं और एक दूसरे पर हमला बोलते हैं. ऐसे ही किस्से आपके सामने ला रहे हैं. उदयपुर में 43 साल पहले दिलचस्प किस्सा हुआ, जिसमें मोहन लाल सुखाड़िया ने अटल बिहारी वाजपेयी की निर्वाचन विभाग को शिकायत की थी.
जानिए किस्सा शिकायत का
बीजेपी प्रदेश मीडिया प्रभारी के सदस्य रहे विजय विप्लवी बताते हैं कि वर्ष 1980 में जब वह बीजेपी कार्यकर्ता के रुप में जुड़े थे. उस समय लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भानुकुमार शास्त्री प्रत्याशी थे. प्रचार के अंतिम दिन वरिष्ठ नेता और देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की गांधी ग्राउंड में आमसभा थी. अटल बिहारी वाजपेयी निर्धारित समय तक सभा में नहीं पहुंच सके. उससे पहले भगवतसिंह मेवाड़ और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इस सभा को संबोधित किया. प्रचार बंद होने के साथ सभा समाप्त हो गई. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी देर रात उदयपुर पहुंचे.
उदयपुर की सड़क पर अचानक निकले
योजना बनी कि सुबह पूर्व पीएम वाजपेयी को जीप में खड़े करके जनसंपर्क पर ले जाना चाहिए. बिना माइक और नारेबाजी के पूर्व पीएम लोगों से हाथ जोड़कर वोट की अपील करेंगे. यह योजना कारगर रही, बिना पूर्व घोषित कार्यक्रम के वाजपेयी जीप में सवार होकर उदयपुर की सड़कों पर निकल पड़े. लोग अचानक पूर्व पीएम को अपने मध्य पाकर हतप्रभ रह गए. लोगों ने उनका का खूब स्वागत किया. कांग्रेस प्रत्याशी सुखाड़िया ने इसकी शिकायत निर्वाचन विभाग में की. अंततः फैसला वाजपेयी के पक्ष में आया. निर्वाचन विभाग ने कहा कि प्रचार बंद होने के बाद जनसंपर्क किया जा सकता है. उसी वर्ष के विधानसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी गुलाबचंद कटारिया जो असम के राज्यपाल हैं, उनके समर्थन में गुलाब बाग की कीकरवाड़ी में हुई आमसभा में स्वयं पूर्व पीएम वाजपेयी ने इस घटना को याद किया.
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