Banswara News: अयोध्या राम मंदिर में 22 जनवरी को राम लला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर देशभर में उत्साह है. हर तरफ अलग अलग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. ऐसे में निमंत्रण की भी चर्चाएं चल रही हैं. इस बीच बांसवाड़ा की रहने वाले परिवार को आरएसएस पदाधिकारी ने घर जाकर अयोध्या के तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का निमंत्रण दिया है. यह निमंत्रण उस बेटी के नाम का आया है, जिनके कार सेवक पिता की अयोध्या में गोली लगने से निधन हुआ था. जानिए बेटी पिता के बलिदान और राम मंदिर पर क्या कहा.
बेटी ने बताया पिता के निधन के बाद क्या हुआ?
यह निमंत्रण बांसवाड़ा शहर में रहने वाली स्मृति चौधरी को मिला है. वह मुजफ्फरनगर में रहती थीं, जिसकी शादी बांसवाड़ा के डॉ. हितेश चौधरी से हुई. वर्ष 2005 से वह यहीं रह रही है. स्मृति चौधरी ने मीडिया से बातचीत जीत हुए कहा कि 20 नवंबर 1990 में 5000 कार सेवकों का जत्था मंदिर की ओर बढ़ रहा था. हनुमान गढ़ी के पास पुलिस ने गोली चला दी. उस घटना में कई लोग शहीद हो गए थे, जिनमें पिता संजय कुमार भी शामिल थे.
आगे उन्होंने बताया कि साढ़े पांच सौ साल पुराने राम मंदिर निर्माण का सपना जो मेरे पिता ने देखा था, वो पूरा होने जा रहा है. वह तो इस आंदोलन में शहीद हो गए, लेकिन मेरा सौभाग्य है कि इस ऐतिहासिक पल की साक्षी होने का गौरव मुझे प्राप्त हुआ है. इससे मेरा परिवार खुश है. 18 जनवरी को यहां से रवाना होकर अयोध्या पहुंचेंगे.
स्मृति चौधरी ने कहा कि इस पावन अवसर पर अगर मां जिंदा होती ती खुशी दौगुनी होती. मेरे पापा राम मंदिर का सपना लेकर पावन भूमि अयोध्या गए थे. पिता की शहादत के बाद परिवार को बहुत परेशानी हुई. मां ग्रहणी थी जिन्हे घर से बाहर निकलना पड़ा. किंतु अब रामलला विराजमान हो रहे हैं. सबसे बड़ी खुशी यहीं है.
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