Udaipur News: उदयपुर शहर के गांधी ग्राउंड में नव संवत्सर पर हुई धर्मसभा में धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाते हुए बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. कई हिंदू संगठन एफआईआर खारिज करने की मांग को लेकर जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, संभागीय आयुक्त और आईजी तक को ज्ञापन दे चुके हैं. साथ ही प्रदर्शन भी कर चुके है. अब इस नव संवत्सर की धर्मसभा में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के साथ आए कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने भी प्राथमिकी दर्ज किए जाने को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि संतों का सम्मान होना चाहिए, ना कि अपमान. साथ ही यह भी कहा कि ऐसा क्या हो गया कि इतनी जल्दी हमारे भाई धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के खिलाफ उदयपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया.
ये कहा कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने
देवकीनंदन ठाकुर का एक वीडियो सामने आया है जिसमें उन्होंने कहा कि एफआईआर दर्ज हुई है, यह एक कानूनी विषय है, इसमें कानूनी सलाह ली जाएगी. लेकिन सोचने पर एक बात सामने आ रही है कि यह हिन्दू नववर्ष का उत्सव था. वहां जब हम गए तो वहां के स्थानीय लोगों ने कई चीजें बताई. जो महाराणा प्रताप का किला (कुम्भलगढ़ किला) है, वहां सरकार की जिम्मेदारी है कि वहां जो लोग अनऑथराइज्ड ढंग से रहते हैं, उन्हें वहां से हटाकर अच्छी जगह दे दे,
पुरातन संपत्ति पर कोई अधिकार जमाकर बैठा है तो न्याय होगा या नहीं ?
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि न्याय कीजिए, किला किसका है ? महाराणा प्रताप का है ना ? वे किससे लड़े थे जानते हैं न ? तो न्याय कीजिए. हम हिन्दू राष्ट्र की मांग क्यों कर रहे हैं, ताकि सभी के साथ न्याय हो. अब आप एक ही समुदाय के साथ अन्याय करते ही चले जाओगे तो सही नहीं है. कोई पुरातन संपत्ति पर अधिकार जमाकर बैठा है तो न्याय होगा कि नहीं, लेकिन न्याय नहीं हो रहा है. दूसरी बात, जब कन्हैयालाल की उदयपुर में हत्या हुई थी तो एफआईआर कितने दिनों में हुई थी. अब जब हिन्दू नववर्ष पर सभा हुई, वहां किसी ने जवाब मांगा, किसी कुछ बातें बताईं. उस पर हमारे भाई ( धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री) ने कुछ कह दिया तो तुरंत एफआईआर दर्ज कर दी, यह एक सोचनीय विषय है.
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, "मैं पूछना चाहूंगा कि भारत के साधु-संतों पर एफआईआर दर्ज करने की इतनी जल्दी क्यों है? ऐसे भी कई लोग हैं, जिन पर केस दर्ज है, जिनके सामने पुलिस देखती तक नहीं है. हम कानून और संविधान का सम्मान करते हैं, गहलोत जी मेरे हैं, हिन्दू हैं, सनातनी हैं, निवेदन करना चाहूंगा कि संतो पर एफआईआर होना सही नहीं है. संतों का सम्मान होना चाहिए, अपमान नहीं."
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