Pandit Dhirendra Krishna Shastri News: राजस्थान के राजसमन्द जिले में स्थित कुम्भलगढ़ किले को अजयगढ़ भी कहा जाता है, क्योंकि इस किले पर कोई विजय प्राप्त नहीं कर पाया था. हनुमान जयंती पर सैकड़ों युवा हाथ में भगवा झंडा लिए यहां पहुंचे. किले की दीवारों पर बड़ी संख्या में भगवा झंडे लगाए गए. युवा शोभायात्रा के रूप में वहां पहुंचे थे और इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा. 


ऐसा पहली बार हुआ है कि शोभायात्रा कुम्भलगढ़ किले पहुंची और वहां युवकों ने भगवा झंडा लगाया. दरअसल, कुछ दिनों से कुम्भलगढ़ किला चर्चाओं में है. यहीं नहीं, हिन्दू संगठन से आह्वान भी किया था, जिसमें कहा गया था 'कुम्भलगढ़ चलो'. इसके बाद हनुमान जयंती पर सैकड़ों की संख्या में लोग यहां पहुंचे.




हनुमान जयंती पर हुआ यह कार्यक्रम
देशभर में हनुमान जयंती पर शोभायात्रा निकाली गई. इसी क्रम में राजसमन्द जिले के केलवाड़ा क्षेत्र में भी निकली, लेकिन यह शोभायात्रा खास थी क्योंकि यह जा रही थी कुम्भलगढ़ किले पर. इसकी शुरुआत केलवाड़ा स्थित पावटिया हनुमान मंदिर से हुई. आतिशबाजी और डीजे की धमचक के साथ वाहन रैली लगभग 6.30 बजे कुंभलगढ़ पहुंची. पूजा अर्चना और अनुष्ठान के बाद किले में स्थित मंदिर में हनुमानजी को 101 किलो के रोट का भोग लगाया गया. 


महाआरती और सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. रैली में सैकड़ों चार और दो पहिया वाहन पर सवार युवक थे. इसके साथ ही कुछ पैदल चल रहे है. साथ मे झाकियां भी थीं. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी पुलिस जाब्ता भी था. कार्यक्रम देर शाम तक समाप्त हुआ.




यह कहा था धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने
उदयपुर में नव संवत्सर के उपलक्ष पर शहर के बीच स्थित गांधी ग्राउंड में धर्मसभा का आयोजन हुआ था. इस धर्मसभा में बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर और संत उत्तम स्वामी पहुंचे थे. तीनों ने ही भारी संख्या में पहुंचे लोगों को संबोधित किया था. इसी कार्यक्रम में धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री द्वारा दिए गए संबोधन के बाद कुंभलगढ़ किला चर्चा में आया था. 


धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा था कि कुंभलगढ़ किले पर भगवा झंडा लगाना चाहिए. इसी को लेकर तब से भी हिंदू संगठनों द्वारा आह्वान किया था- कुंभलगढ़ चलो. इसी क्रम में हनुमान जयंती पर सैकड़ों की संख्या में युवा कुंभलगढ़ पहुंचे और भगवा झंडा लगाए.


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