Udaipur: धीरेंद्र शास्त्री पर दर्ज मुकदमे का विरोध शहर से गांवों में पहुंचा, CM गहलोत को भेजा गया मांग पत्र
Rajasthan News: उदयपुर जिले के मावली तहसील में बीजेपी विधायक धर्म नारायण जोशी और उनके साथ कस्बेवासियों ने इसका विरोध किया. अखिल भारतीय मेवाड़ राजपूत महासभा ने एसपी को ज्ञापन सौंपा.
Dhirendra Krishna Shastri News: 23 मार्च को उदयपुर के गांधी ग्राउंड में विशाल धर्म सभा का आयोजन हुआ था, जहां बागेश्वर धाम प्रमुख धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने संबोधन दिया. इसे लेकर अब पुलिस द्वारा मुकदमा दर्ज करने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पुलिस ने धार्मिक भावना भड़काने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कर लिया, लेकिन इसी मुकदमे को वापस लेने के लिए रोजाना अलग-अलग संगठनों द्वारा मांग की जा रही है.
यह मांग सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रही, अब ग्रामीण क्षेत्र में भी विरोध बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मंगलवार को उदयपुर जिले के मावली तहसील में मावली विधानसभा से बीजेपी विधायक धर्म नारायण जोशी और उनके साथ कस्बेवासियों ने इसका विरोध किया. यही नहीं इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपना मांग पत्र भी भेजा. इसके साथ ही अखिल भारतीय मेवाड़ राजपूत महासभा ने भी मुकदमा वापस लेने की मांग रखकर एसपी विकास कुमार को ज्ञापन दिया.
ज्ञापन में क्या कहा गया?
मावली में प्रदर्शन कर ज्ञापन में कहा गया कि पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम वाले) की धर्म सभा जो हिन्दू नव वर्ष के उपलक्ष्य में 23 मार्च 2023 को उदयपुर में आयोजित हुई थी. उसमें कही गई सहज बातों को सामाजिक विद्वेष की बातें बताकर प्रशासन द्वारा जो आपराधिक प्रकरण दर्ज किया गया है, उससे हम सभी श्रद्धालु बहुत आहत हैं. मेवाड़ के ऐतिहासिक राष्ट्रीय महत्व के स्थल हिंदुआ सूरज कहे जाने वाले महाराणा प्रताप की जन्म स्थली कुंभलगढ़ दुर्ग में अवैध अतिक्रमण कोई छुपा हुआ विषय नहीं है. सरकार से इस अतिक्रमण को हटाने के लिए समय-समय पर मांग होती रही है. विधानसभा में भी इसे लेकर प्रश्न पूछे जाते रहे हैं और प्रशासन स्वयं भी समय-समय पर अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की कार्रवाई की प्रक्रिया चलाती है. ऐसी स्थिति में किसी के द्वारा ऐतिहासिक प्रेरणा स्थल पर अवैध कब्जे को रोकने और हटाने के लिए जन सामान्य का मन तैयार करना पूरी तरह लोकतांत्रिक प्रक्रिया है. अतः ऐसे जन जागरण को किसी भी मत पंथ उपासना पद्धति या धर्म के विरुद्ध बताना न्यायोचित नहीं हैं.
ये मांग की गई
इसके साथ ही ज्ञापन में कहा गया कि धीरेंद्र शास्त्री ने अपने पूरे संबोधन में कहीं भी किसी भी धर्म या संप्रदाय के विरूद्ध कोई टिप्पणी नहीं की थी. ऐसे धर्म आचार्यों की प्रेरणा से समाज प्रेरणा लेता है और देश-समाज में सद्गुण फैलते हैं, लेकिन इस प्रकार की कार्रवाई से सात्विक कार्य करने वाले व्यक्ति और संस्थाएं हतोत्साहित होती है. अतः मांग है कि इस प्रकार की जल्दबाजी से प्रारम्भ की गई कार्रवाई को तुरंत प्रभाव द्वारा दर्ज कराई गई प्रथम सूचना रिपोर्ट को वापस लेने की कार्रवाई करें. साथ ही दिनांक 24 मार्च 2023 को उदयपुर से कुंभलगढ़ के लिए घूमने गए 5 युवाओं को पुलिस द्वारा पकड़कर प्रकरण दर्ज कर केलवाडा थाना द्वारा इनके साथ मारपीट की गई. उस प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराई जाई और इन पांचों युवकों और परिवारजनों को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाए.
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