Dhirendra Krishna Shastri News: राजस्थान के भीलवाड़ा शहर के कुमुद विहार में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ओर से की जा रही पांच दिवसीय हनुमंत कथा का रविवार को समापन हुआ. पांचवें दिन एक लाखों श्रद्धालुओं ने हनुमंत कथा सुनकर धर्म लाभ लिया. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने सबको आशीर्वाद देते हुए कहा कि भीलवाड़ा में कब पांच दिन बीत गए पता ही नहीं चला.
उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के प्रति उत्साह का महाकुंभ देख लग रहा राजस्थान का हिंदू जाग गया है. हमारे पास हनुमान जी हैं, जिनमें हर समस्या का समाधान भी छुपा है. हनुमान जी दृष्टि और सृष्टि बदलते हैं, तो सिद्धि और प्रसिद्धि भी प्रदान करते है. कथा के दौरान विभीषण और भगवान राम का मिलाप देखकर बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री मंच पर भावुक हो गए.
उन्होंने भक्तों की तारीफ करते हुए अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कहा, "हमने अपने जीवन में कितना कष्ट और संघर्ष झेला है, इसे सिर्फ हम जानते हैं. गरीबों के केवल परमात्मा होते हैं. सरकार के सब नियम भी गरीबों के लिए होते हैं. हम महंगी मिठाई उसे देते हैं, जिसे हम सलाम करते हैं और सस्ती मिठाई उसे देते हैं, जो हमें सलाम करता है. दुनिया की इस रूसवाई का कभी भरोसा मत करना."
बागेश्वर सरकार ने बताया वो अमीरों से क्यों मिलते हैं?
पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा "हम बड़े आदमियों से इसलिए मिलते हैं कि उनका सहयोग लेकर गरीबों के लिए काम कर सकें, उनकी बेटियों की शादी करा सकें. हमने जो दुःख सहा वह आपको न सहना पड़े इसलिए आज से सदा-सदा के लिए हनुमान जी के चरण पकड़ लेना. फिर वो हमारी तरह तुम्हारी भी जिंदगी बना देंगे. इस जीवन में गम बहुत है, लेकिन इसका खुलासा मत होने देना, मुस्करा देना पर परिवार का तमाशा मत होने देना."
उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को बागेश्वर धाम पहुंचना है, क्योंकि देवउठनी एकादशी को सन्यासी बाबा का दिवस है. इसी दिन गुरु कृपा प्राप्त होने के 16 साल पूरे हो जाएंगे. उन्होंने हनुमान जी महाराज की महिमा बताते हुए कहा, "जो भाग्य में लिखा वह तो मिलना ही है, पर जो नहीं लिखा वह भी हनुमान जी की भक्ति से प्राप्त हो जाता है. जो भी उनकी शरण में जाता है वह निर्भिक होने के साथ सर्व सुख प्राप्त करता है."
बेटियों को दें शस्त्र शिक्षा- धीरेंद्र शास्त्री
बागेश्वरधाम सरकार धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने भीलवाड़ा में बेटियों को शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा देने में जुटे दुर्गा शक्ति अखाड़े की सराहना की. उन्होंने कहा, "12 हजार बहनों द्वारा सात अखाड़े चलाए जा रहे हैं और बेटियां शास्त्र के साथ शस्त्र शिक्षा भी ले रही हैं. मां-बहनों को यह वरदान प्राप्त है कि कोई कुदृष्टि डाले तो यह पहचान लेती हैं. इन अखाड़ों के माध्यम से हमारी बेटियों को जूडो, कराटे और तलवारबाजी की भी शिक्षा देनी होगी."
(सुरेंद्र सागर की रिपोर्ट)