Baljeet Singh Yadav ED Raids: राजस्थान के बहरोड़ के पूर्व निर्दलीय विधायक बलजीत सिंह यादव के घर पर शुक्रवार (24 जनवरी) को ED ने रेड मारी. जिसकी वजह से वो चर्चा में है. केंद्रीय एजेंसी ईडी ने राजस्थान के जयपुर-दौसा और हरियाणा के रेवाड़ी समेत उनके 9 ठिकानों पर छापेमारी की. उनपर खेल सामग्री की खरीद में घोटाले का आरोप है.
बलजीत यादव अलवर जिले की बहरोड़ विधानसभा सीट से वर्ष 2018 में चुनाव जीत गए थे. वो निर्दलीय चुनाव जीते थे, लेकिन वर्ष 2023 में उन्हें हार मिली.
कांग्रेस ने लड़ना चाहते थे चुनाव
इस बार भी वो कांग्रेस से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला. बलजीत बहरोड़ सीट से कई बार चुनाव लड़ चुके है. साल 2023 के चुनाव में बलजीत अपनी पार्टी राष्ट्रीय जनता सेना से चुनाव लड़े थे. बलजीत विधायक रहते हमेशा चर्चा में रहे.
कई बार उन्होंने सेंट्रल पार्क में घटों बिना रुके दौड़ लगाई थी. अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ मुखर रहे. विधानसभा परिसर में ट्रैक्टर लेकर घुस गए थे. उन्होंने कहा था कि मैं किसान का बेटा हूं और ट्रैक्टर हमारा साथी है. 50 वर्षीय बलजीत यादव लोकसभा का चुनाव भी लड़ने की तैयारी की थी लेकिन लड़ नहीं पाए. पिछले विधानसभा चुनाव में बलजीत ने अपनी खुद की पार्टी राष्ट्रीय जनता सेना बनाई थी. सिर्फ एक सीट पर ही उन्होंने चुनाव लड़ा था.
विधायक बाबा बालकनाथ से है अदावत
तिजारा से बीजेपी विधायक बाबा बालकनाथ से बलजीत यादव की राजनीतिक अदावत रही है. जब बाबा अलवर से सांसद थे, उस दौरान कई बार थाने में बालकनाथ और बलजीत का मामला गरमा चुका था. जिसमें बाबा ने बलजीत को खुली चुनौती दी थी. उस दौरान कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए थे.
क्या हैं बलजीत यादव पर आरोप ?
दरअसल, बलजीत यादव के कार्यकाल में बहरोड़ विधानसभा क्षेत्र की सरकारी स्कूलों के लिए खरीद की खेल सामग्री की शुरुआती जांच हुई थी. एसीबी ने तत्कालीन विधायक बलजीत यादव और 8 अधिकारी- कर्मचारियों की मिलीभगत पाई. प्राथमिक जांच में यह तथ्य सामने आने के बाद एसीबी ने बहरोड़ के निर्दलीय पूर्व एमएलए बलजीत यादव व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली.
बहरोड क्षेत्र में वर्ष 2022-23 में विधायक कोटे (स्थानीय क्षेत्र विकास निधि) से स्कूलों में खेल सामग्री की खरीद होनी थी. इसके लिए तत्कालीन विधायक बलजीत यादव ने जिला परिषद अलवर को जो अनुशंसा की उनमें फर्मों के नाम भी थे. जुलाई 2023 में बच्चों के खेल सामग्री में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ. इसमें कुल 32 स्कूलों को सामान दे दिया गया, बाकी को देना था. प्रत्येक स्कूल के लिए 9 लाख का खेल सामान खरीद किया था, ऐसे में करीब 3 करोड़ रुपये का समान खरीद हुआ.
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