Banswara Lok Sabha Election Result 2024: देशभर में लोकसभा चुनाव के परिणाम आ चुके हैं. बीजेपी की अगुवाई में एनडीए गठबंधन लगातार तीसरी बार सरकार बनाने की कवायद में जुटा है. इस बार लोकसभा चुनाव के परिणाम हर के लिए चौंकाने वाले रहे. कमोबेश यही हाल राजस्थान का रहा है. राजस्थान के एक चेहरे ने सियासी दावों और कयासों को दरकिनार करते हुए जीत हासिल करने में कामयाब रहे.
इस सीट पर स्टार प्रचारकों ने कई सभाएं की, मतदाताओं को रिझाने के लिए कई बड़े वादे किए. हालांकि ये सभी काम नहीं आईं. हम चर्चा कर रहे हैं बांसवाड़ा लोकसभा सीट की, यहां से भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के प्रत्याशी राजकुमार रोत ने बड़ी कामयाबी हासिल की. उन्होंने क्षेत्र के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री को हराया. आइये जानते हैं कैसे चला राजकुमार रोत का जादू.
इस पार्टी से रोत ने शुरू किया सियासी करियर
राजकुमार रोत सबसे पहले पिछले राजस्थान विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी से विधायक चुने गए थे. इसके बाद 5 साल उन्होंने क्षेत्र में अपना कद बढ़ाया. हालिया समाप्त हुए राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्होंने भारत आदिवासी पार्टी बनाई. विधानसभा चुनाव ने पार्टी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे.
बांसवाड़ा से रोत ने पूर्व मंत्री को हराया
इस विधानसभा चुनाव में राजकुमार रोत डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट चुनाव लड़े और जीतकर विधानसभा पहुंचे. उन्होंने अपनी पार्टी के अन्य दो प्रत्याशियों को भी जीत दिलाई. लोकसभा चुनाव में रोत ने बांसवाड़ा सीट से किस्मत आजमाने का फैसला किया, इस मौके पर कांग्रेस ने उनका समर्थन किया.बांसवाड़ा लोकसभा सीट से राजकुमार रोत के सामने महेंद्रजीत सिंह मालवीय मैदान में थे.
पूर्व मंत्री और मेवाड़ वागड़ के दिग्गज नेताओं में शमुरा महेंद्रजीत सिंह मालवीय हाल ही में कांग्रेस का खेमा छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए हैं. राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा सीट पर सभी कयासों को दरकिनार करते हुए 2 लाख 47 हजार 54 से जीत हासिल करने में कामयाब रहे. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, महेंद्रजीत सिंह मालवीय के समर्थन में बांसवाड़ा में सभा की थी.
आदिवासी वोटर्स को साधने में कामयाब रही BAP
राजकुमार रोत की बड़ी जीत के बाद मेवाड़ वागड़ के सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है. बांसवाड़ा लोकसभा सीट आरक्षित सीट है. यहां आदिवासी मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में है. अब तक यह वोटर बीजेपी और कांग्रेस में बिखरे हुए थे. चर्चाएं है कि राजकुमार रोत ने आदिवासी युवा वोटर में सेंधमारी की और आदिवासी वोटर्स को एकजुट करने में कामयाब हुए.
इसी कारण विधानसभा में राजस्थान में दूसरी बड़ी जीत हासिल करने में कामयाब रहे. अब 6 महीने बाद लोकसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. बड़ी बात यह है कि बांसवाड़ा जिले की बागीदौरा विधानसभा में हुए उपचुनाव में भी बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशी को पछाड़ते हुए भारत आदिवासी पार्टी ने जीत हासिल की है.
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