Rajasthan News : बांसवाड़ा में 1.34 लाख करोड़ के सोने का भंडार, हाईकोर्ट के आदेश के बाद नीलामी का रास्ता साफ
Banswara Gold Mine: भू वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण में साल 1990-91 में बांसवाड़ा में सोने के संकेत मिले थे. जिसके बाद 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित किया गया था.
Rajasthan High Court on Banswara Gold Mine: राजस्थान की धरती अब सोना उगलने के लिए तैयार है. बांसवाड़ा में 3 दशक पहले मिले सोने के भंडार से अब सोना निकालने की शुरुआत की जाएगी. लंबे समय से सोना निकालने का मामला कोर्ट में पेंडिंग होने की वजह से रुका हुआ था, कोर्ट ने अब इस मामले का निस्तारण कर दिया है. जिससे सोना निकालने के लिए नीलामी की रह खुल गई. हाईकोर्ट से सरकार के पक्ष में फैसला आने के बाद खान, पेट्रोलियम और गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य में सोने की खान के ऑक्शन की राह प्रशस्त हो गई है.
मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा क्षेत्र में सोने के विशाल भण्डार मिलने के बाद, राज्य सरकार द्वारा इस माइंस का ऑक्शन प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के कारण नहीं हो पा रहा था. खान मंत्री भाया ने बताया कि माइंस विभाग द्वारा योजनाबद्ध तरीके से प्रदेश में खनिजों के एक्सप्लोरेशन और माइंस की ई-नीलामी पर जोर दिया गया है, जिसके लगातार सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन में प्रदेश में विपुल खनिज संपदा को देखते हुए विभाग को खनिज ब्लॉकों की ई नीलामी पर जोर दिया गया है. जिससे राजस्व में इजाफा, रोजगार के अधिक अवसर के साथ ही अवैध खनन पर रोक लगाई जा सके.
नीलामी के लिए पूरी की जा रही हैं प्रक्रिया
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं उद्योग वीनू गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी तरीके से राज्य का पक्ष रखने का परिणाम रहा है कि कोर्ट ने प्रतिपक्ष के आवेदन को खारिज कर दिया. उन्होंने बताया कि इससे राज्य की पहली स्वर्ण खान की नीलामी का रास्ता साफ हो गया. बांसवाड़ा के भूखिया जगपुरा में सोने की खान की नीलामी के लिए आवश्यक औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं. वीनू गुप्ता ने बताया कि एक मोटे अनुमान के अनुसार सोने के साथ स्वर्ण, तांबा और कोबाल्ट, निकल के डिपोजिट भी हैं. एक मोटे अनुमान के अनुसार यहां 1 लाख 34 हजार 178 करोड़ रुपए के स्वर्ण भंडार और 7 हजार 720 करोड़ रुपए के तांबे के भंडार संभावित हैं.
भू वैज्ञानिकों के सर्वेक्षण में हुआ था सोने का खुलासा
माइंस निदेशक संदेश नायक ने बताया कि बांसवाड़ा के घाटोल तहसील के भूखिया जगपुरा में भारतीय भू वैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग द्वारा 1990-91 में किए गए एक्सप्लोरेशन के दौरान स्वर्ण के संकेत मिले थे. इस पर 69.658 वर्ग किलोमीटर के तीन ब्लॉक एक्सप्लोरेशन के लिए आरक्षित किए गए थे. इस क्षेत्र में एक्सप्लोरेशन के दौरान 15 ब्लॉकों में 171 बोर होल्स में 46037.17 मीटर ड्रिलिंग करने पर स्वर्ण भंडार पर गए. एक्सप्लोरेशन परिणामों के अनुसार 14 ब्लॉकों में 1.945 ग्राम प्रति टन के लगभग 114.76 मिलियन टन सोने के भण्डार का आंकलन किया गया है.
माइंस निदेशक संदेश नायक ने बताया कि एक मोटे अनुमान के मुताबिक इस क्षेत्र में 223.63 टन स्वर्ण धातु मिलने की संभावना हैं. यहां पर स्वर्ण धातु के साथ ही 0.15 प्रतिशत मय ताम्र धातु का लगभग 1 लाख 54 हजार 401 टन डिपोजिट का आंकलन किया गया है. इस क्षेत्र में स्वर्ण और ताम्र भंडारी के साथ ही कोबाल्ट धातु के भी संकेत मिले हैं. उन्होंने बताया कि यहां 13 हजार 739 टन कोबाल्ट के साथ ही 11 हजार 146 टन निकल धातु के डिपोजिट का संभावित आंकलन किया गया है.
नीलामी की प्रक्रिया शुरु की
नीलामी को लेकर माइंस निदेशक संदेश नायक ने बताया कि हाईकोर्ट द्वारा प्रकरण के निस्तारण के साथ ही विभाग ने नीलामी की आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करनी शुरू कर दी हैं. उन्होंने बताया कि स्वर्ण माइंस के ऑक्शन से जहां प्रदेश का स्वर्ण माइनिंग में पहचान होगी, वहीं राज्य सरकार को करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्त होगा, साथ ही रोजगार के नए अवसर उपलब्ध होंगे.