Lok Sabha Election Result: कोटा में जीत के बाद भी बढ़ी ओम बिरला की टेंशन? कांग्रेस को मिले वोट ने चौंकाया
Kota Bundi Lok Sabha Chunav Result: लोकसभा चुनाव में सबकी नजरें कोटा बूंदी सीट पर थी. यहां से लोकसभा स्पीकर ओम बिरला तीसरी बार चुनावी रण में थे. उनकी जीत के बावजूद यहां एक नई सियासी बहस छिड़ गई है.
Kota Bundi Lok Sabha Elections Result 2024: कोटा संभाग की दोनों लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की है. भारतीय जनता पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र और झालावाड़ बारां लोकसभा क्षेत्र में जीत दर्ज की और अपने गढ़ को बचाने में कामयाब रही.
कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी ओम बिरला ने काफी कम अंतर से चुनाव में जीत दर्ज की है. यहां से ओम बिरला की तीसरी जीत है. ओम बिरला इस चुनाव में केवल 2.82 फीसदी वोटों के अंतर से ही चुनाव जीत हासिल करने में कामयाब रहे हैं.
हालांकि, जब साल 2019 की बात करें तो वह 20.45 फीसदी के वोटों के अंतर से जीते थे. लेकिन इस बार जीत का अंतर कम हो गया है. किसी को यह उम्मीद नहीं थी कि जीत का अंतर इतना कम हो जाएगा और मुकाबला बेहद कांटे का होगा. इस मौके पर ओम बिरला ने कहा कि जीत तो जीत होती है इसलिए आगे चलकर वह और भी बेहतर करने का प्रयास करेंगे.
बिरला ने पांच विधानसभाओं में रहे आगे
साल 2014 की बात करें तो ओम बिरला के जीत का अंतर 17.37 फीसदी था. पिछले दो चुनाव में ओम बिरला के कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र की आठों विधानसभाओं से जीते थे, लेकिन इस चुनाव में आठ विधानसभा में से वह केवल पांच विधानसभाओं में ही जीत दर्ज कर सके. जबकि तीन विधानसभाओं पर कांग्रेस का वोट फीसदी बढ़ गया.
साल 1996 में दर्ज की सबसे छोटी जीत
साल 1998 में कांग्रेस के रामनारायण मीणा ने बीजेपी के रघुवीर सिंह कौशल को 2.38 फीसदी वोटो से हराया था. कोटा बूंदी लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला लगातार 6 बार चुनाव जीत चुके हैं. तीन बार विधानसभा और तीन बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी ताकत इस क्षेत्र में बढ़ी है, इस जीत से उन्होंने विपक्षियों को भी करारा जवाब दिया है.
कांग्रेस को मिला बड़ा नेता
हालांकि इस बार समीकरण बेहद उलट फेर करने वाले थे, लेकिन बीजेपी की जीत ने जहां कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाया है. दूसरी तरफ प्रहलाद गुंजन की हार भले ही हुई हो, लेकिन कांग्रेस को यहां एक बड़ा लीडर मिल गया. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जान फूंकने के बाद यह अंतर पौने तीन लाख से सीधा 41 हजार के करीब पहुंच गया.
पिछले चुनाव में जहां बिरला 2.79 लाख से वोट से जीते थे, वहीं इस बार यह मार्जिन केवल 41 हजार 974 पर आकर ठहर गया. सबसे छोटी हार जीत 1996 में हुई थी, तब बीजेपी के दाऊ दयाल जोशी ने कांग्रेस के रामनारायण मीणा को मात्र 0.13 फीसदी वोटों से हराया था.
लगातार जीतने वाले स्पीकर बने ओम बिरला
साल 1999 के बाद ओम बिरला लगातार चुनाव जीतने वाले पहले लोकसभा अध्यक्ष हैं. इससे पहले 1998 में पीए संगमा ने लोकसभा चुनाव जीता था. संगमा 1996 से 1998 तक स्पीकर थे. ओम बिरला केव छात्र संघ चुनाव हारे हैं. उसके बाद लगातार जीत दर्ज करते चले जा रहे हैं.
लोकसभा स्पीकर ओम बिरला इससे पहले कॉलेज चुनाव हारने के बाद सीधा विधानसभा चुनाव लड़े और उसके बाद तीन बार विधानसभा चुनाव जीते. एक बार संसदीय सचिव रहे और उसके बाद लोकसभा चुनाव जीते. लोकसभा चुनाव में ओम बिरला की लगातार यह तीसरी जीत है.
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